Special on Vasant Panchami: If the child is weak in studies, then with some simple measures the blessings of Mother Saraswati will be showered
नईदिल्लीलीक्स… स्कूलों में परीक्षाएं नजदीक हैं, अगर बच्चा पढ़ाई में कमजोर तो वसंत पंचमी पर करें कुछ सरल उपाय तो बरसेगी मां सरस्वती की कृपा।
पंचांग के अनुसार बसंत माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार पतझड़ के जाने के बाद बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। यह दिन हिन्दू धर्म में ज्ञान की देवी मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष 14 फरवरी 2024, दिन बुधवार को बसंत पंचमी का त्योहार है। बसंत पंचमी 13 फरवरी की दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से पंचमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि अगले दिन 14 फरवरी की दोपहर 12 बजकर 09मिनट तक मान्य रहेगी। इस वर्ष पंचमी तिथि बुधवार को है, साथ ही इसदिनअबूझ नक्षत्र भी बन रहा है। इसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। सुबह 6 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 09मिनट तक का समय किसी भी पूजा पाठ शुभ कार्यों के लिए शुभ बताया गया है।
बच्चा है पढ़ाई में कमजोर, तो बसंत पंचमी के दिन करें ये एक उपाय, कुछ ही दिनों में दिखेगा असर
मां सरस्वती पूजा
हर साल की तरह इस साल भी बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाएगी। कोलकाता में तो देवी को समर्पित पूजा पंडाल भी सजाए जाते हैं। विद्या और ज्ञान की देवी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत भी करते हैं
विद्यार्थी भी मां के लिए व्रत करते हैं ताकि वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें और सफल बनें
लेकिन अगर आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो आगे बताए जा रहे उपाय अवश्य करें, देवी की कृपा होगी
1) विद्या की देवी को प्रसन्न करने के लिए मोरपंख का इस्तेमाल करें। बसंत पंचमी के दिन अपनी किताबों/पुस्तकों में मोर पंख रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी खुश होती हैं और पढ़ने में मन लगता है
2) अगर आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो बसंत पंचमी के दिन से उसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी या मेधावटी देना शुरू कर दें। लगातार कुछ दिन कराते रहें। ऐसा करने से बच्चे की बुद्धि में तेजी आएगी
3) अगर बच्चे की वाणी में दिक्कत है। वह बोलते समय हकलाता है तो बसंत पंचमी के शुभ दिन पर बांसुरी के छेद से शहद भरकर उसे मोम से बंद कराकर जमीन में गाड़ देना चाहिए। ऐसा करने से वाणी संबंधी दिक्कत दूर हो जाती है
4) बसंत पंचमी के दिन बच्चों को सुबह जल्दी उठने को कहें। आँख खुलते ही उन्हें अपनी हथेलियां देखनी चाहिए। मान्यतानुसार हमारे हाथों में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सरस्वती, लक्ष्मी, आदि देवी देवताओं का वास होता है। इनके दर्शन करें
क्यों खास है वसंत पंचमी
वसंतोत्सव का उल्लास, क्या है शुभ मुहूर्त
ज्ञानदात्री मां सरस्वती के पूजन का उत्सव वसंत पंचमी हर साल माघ शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है। इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी इस दिन को बड़े ही उल्लास के साथ मनाते हैं। बसंत पंचमी का 14फरवरी बुधवार को पूजन करना श्रेयस्कर होगा।
खेतों में खिले सरसों के फूल जहां इसके आने की आहट दे रहे हैं तो दूसरी ओर यज्ञोपवीत संस्कारों की तैयारियां भी हो चुकी हैं। प्रहलाद के स्वरूप अरंड की डाल को भी होलिका दहन के स्थान पर स्थापित किया जाएगा हमारे शहर अलीगढ़ में
इसी दिन गली-मुहल्लों और चौराहों पर होलिका दहन के लिए अरंड की डाल बैठाई जाएगी। इसी दिन से होलिका को बढ़ाने का कार्य शुरू हो जाता है।
सफेद मिष्ठान चढ़ाना होगा श्रेयस्कर
मां सरस्वती को सफेद मिष्ठान चढ़ाना श्रेयस्कर होगा। पीले वस्त्र और पुष्प अर्पित कर मां सरस्वती से सद्बुद्धि का आशीर्वाद मांगना चाहिए। इस दिन घरों में पीले-केसरिया रंग के खाद्यान्न बनाने और खाने से विशेष कृपा मिलती है।
शुभ मुहूर्त :
वसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – सुबह 06:45 से 12:09
पंचमी तिथि प्रारम्भ :13 फरवरी की दोपहर 02:41 बजेसे
पंचमी तिथि समाप्त : 14फरवरी, की दोपहर 12:09 बजेतक
क्यों खास है वसंत पंचमी?
यह दिन किसी भी नए व शुभ काम की शुरुआत करने के लिए बेहद ही शुभ माना गया है। इस दिन शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त होता है। ये दिन मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए स्कूलों में भी इस दिन मां सरस्वती का गुणगान पाठ पूजा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774