आगरालीक्स …आगरा के सेंट क्लेयर्स स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में कहा गया कि 90 फीसद अभिभावक और शिक्षकों का गलत व्यवहार बच्चों को बिगाड रहा है। जैसा माहौल देखते हैं बच्चे वैसा ही व्यवहार करने लगते हैं। शुक्रवार को सेंट क्लेयर्स स्कूल और सेंट क्लेयर्स और आइसीटीआरसी द्वारा आयोजित प्रादेशिक प्रधानाचार्य सम्मेलन किशोरावस्था में व्यवहारिक समस्याओं का प्रबंधन पर चर्चा की गई। आइसीटीआरसी के डायरेक्टर जनरल डॉ. वीएस रविंद्रन ने बच्चों में होने वाली शेष 90 फीसद बिहेवियर प्रॉब्लम का कारण अभिभावक और शिक्षकों का गलत व्यवहार होता है। अभिभावक और शिक्षक बच्चों को जो सजा देते हैं, दरअसल वह सजा न होकर बच्चों के लिए मजा होती है। उन्होंने कहा कि 15 साल पहले स्थिति इतनी खराब नहीं थी। अब स्कूलों में अनुशासन पूरी तरह खत्म होता जा रहा है। बच्चे शिक्षकों की बात नहीं मानते। उनमें अक्सर लड़ाई होती रहती है। दिल्ली में हुए एक सर्वे के अनुसार 10-17 फीसद तक छात्र किसी न किसी तरह का नशा करने लगे हैं।
यह हैं कारण
– अभिभावकों के पास बच्चों के साथ बिताने के लिए समय नहीं है। मां भी कामकाजी होने के कारण समुचित ध्यान नहीं दे रहीं।
चारों तरफ सूचना का मायाजाल फैला होने के कारण सारी सूचनाएं सहज मिल रही हैं, जिससे बच्चे सूचना जानकारी के बोझ तले दब गए हैं।
– बच्चे जल्दी परिपक्व हो रहे हैं, यह परिपक्वता सकारात्मक कम और नकारात्मक अधिक है।
– बच्चों के सामने कोई रोल मॉडल नहीं बचा है, सोसायटी में हर तरफ भ्रष्टाचार के केस देखने को मिल रहे हैं। बच्चे भ्रम की स्थिति में हैं किसका अनुसरण करें।
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