मलपुरा के गांव नगला केहरी की डॉ रेनू सोगरवाल ने मैरिज साइट पर एड दिया था, इस पर भरतपुर के गांव तमरेर कुम्हेर निवासी लोकेंद्र सिंह का रिश्ता आया। लोकेंद्र ने खुद को आस्ट्रेलिया के कैनबरा हॉस्पिटल में डॉक्टर बताया, उनका रिश्ता पक्का हो गया। 19 जुलाई 2011 को शादी हो गई।
बैंक का रिकवरी नोटिस आने पर खुला फर्जीवाडा
डॉ रेनू को लोकेंद्र अपने साथ आस्ट्रेलिया ले गया, वह तस्मानिया राज्य में रहने लगे। एक दिन बीमा एजेंट आया उसने बताया कि लोकेंद्र ने साढे चार करोड का बीमा कराया है, इस बारे में रेनू ने लोंकेद्र से पूछा तो कह दिया कि यहां बीमा कराना होता है। इसके बाद डॉ रेने के शैक्षिक दस्तावेज ले लिए और यह कह दिया कि यहां नौकरी लग जाएगी। इन दस्तावेजों पर बैंक से 45 लाख का लोन करा दिया। किश्त जमा न होने पर बैंक से नोटिस आने पर डॉ रेनू ने कैनबरा हॉस्पिटल में पफोन किया तो पता चला कि लोंकेंद्र वहां डॉक्टर नहीं है वह तो वार्ड ब्वॉय है। उसने लोंकेंद्र से इस बारे में पूछा तो वह चला आया।
पत्नी दे रही किश्त, पति घर पर कर रहा मौज
इस बारे में डॉ रेनू ने अपने घरवालों को बताया जो वे लोकेंद्र के घर भरतपुर पहुंचे। यहां लोकेंद्र को देख वे हैरान रह गए। लोकेंद्र आस्ट्रेलिया से कई महीनों से गायब था और भरतपुर आ गया था। इस मामले में आस्ट्रेलिया में मुकदमा दर्ज होने के बाद लोकेंद्र को पुलिस ने जेल भेज दिया है।
डॉ रेनू के टूटे सपने
मंगलवार को आगरा में पुलिस अधिकारियों से मिली डॉ रेनू का रो रोकर बुरा हाल है, उसके सपने टूट गए हैं। परिजन चाहते हैं कि ससुराल के लोग लोन पूरा करने के बाद शादी में हुए खर्चे को वापस कर दें, जिससे डॉ रेनू नई जिंदगी शुरू कर सके, लेकिन वे तैयार नहीं है और धमकी दे रहे हैं।
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