गीताश्री की कहानियों में अलग-अलग परिवेश की सशक्त स्त्रियां हैं, जो स्वच्छंद जीवन जीती हैं। दरअसल, उन्होंने खुद सामंती समाज की पाबंदियां झेली हैं, तभी उनकी कहानियों में होता है सिर्फ यथार्थ। उनकी अब तक 10 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन दिनों वे एक उपन्यास पर काम कर रही हैं।
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