175 years of Nishkalank Mata Mahagirjaghar Agra, History#Agra
आगरालीक्स …आगरा की पहचान यह गिरजाघर भी है, आपने इसे देखा होगा। 175 साल पूरे हो चुके हैं, गिरजाघर की वास्तुशिल्प फ्लोरेंस (इटली) के फादर बोनावेंचर ने तैयार की थी। ( 175 years of Nishkalank Mata Mahagirjaghar Agra, History#Agra)
वज़ीरपुरा मार्ग स्थित निष्कलंक माता महागिरजाघर (सेंट पीटर्स कॉलेज के निकट) का 175वाँ स्थापना दिवस (जुबिली समारोह) भव्य समारोह के दौरान धार्मिक वातावरण में मनाया गया। गिरजाघर की स्थापना 175 वर्ष पूर्व तत्कालीन महाधर्माध्यक्ष इटली के महाधर्माध्यक्ष डॉ. बोर्गी ने रखी थी। गिरजाघर की वास्तुशिल्प फ्लोरेंस (इटली) के फादर बोनावेंचर ने तैयार की थी।
समारोह के मुख्य अनुष्ठाता मेरठ के धर्माध्यक्ष भास्कर, और ग्वालियर के धर्माध्यक्ष जोसफ ने अपने मुख्य संदेश में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा, कि ‘इन बदलते हुए परिवेशों में हमें ईसा मसीह के शुभ सन्देश, उनकी शिक्षा और दर्शन को जन-जन तक पहुँचाना है।’
सहायक अनुष्ठाता और आगरा के महाधर्माध्यक्ष डॉ. राफी मंजलि ने बताया, कि ‘हमारा संदेश प्रेम, प्रार्थना और और प्रभु की आशीष पर आधारित होना चाहिए।’ द्वितीय अनुष्ठाता और आगरा के पूर्व निवर्तमान महाधर्माचार्य डॉ. आल्बर्ट डिसूजा ने बताया कि विश्व युद्ध (प्रथम) के दौरान गिरजाघर को बहुत क्षति उठानी पड़ी थी। अकबरी गिरजाघर के बाद यही गिरजाघर आगरा का प्रमुख गिरजाघर बन गया है।
आज के समारोह में ग्रामीण व अंचलीय क्षेत्रों से करीब 600 लोगों ने भाग लिया। इन लोगों में विभिन्न धर्म-संप्रदायों के प्रतिनिधियों ने तथा सद्भावना के सदस्यों ने भाग लिया। करीब 100 पुरोहित वेदी पर विराजमान थे।
इन 175 वर्षों में चर्च ने शिक्षा, चिकित्सा एवं समाजसेवा के क्षेत्र में बहुत उन्नति की है। लोगों को उनके पाँवों पर खड़ा करने में विशेष भूमिका निभाई है। भारतीय चर्च में बहुत कुछ भारतीय है। स्थानीय संस्कारों, चिन्हों व प्रतीकों को अपनाकर चर्च भारतीय बन गया है।
क्रिश्चियन समाज सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष श्री डेनिस सिल्वेरा ने सभी सम्बन्धित लोगों, पुलिस व प्रशासन के प्रति आभार जताया है।