A fraudster gang caught by credit card holders# agra news
आगरालीक्स…कॉल सेंटर कर्मचारी से 35 रुपये में लेते थे क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा. एक करोड़ की कर चुके थे ठगी. पुलिस ने किया गैंग का पर्दाफाश..जानिए पूरी खबर
करोड़ों की कर चुके थे ठगी
थाना खेरागढ़ को में पिछले दिनों क्रेडिट कार्ड धारक के खाते से ठगी कर रुपये निकालने का मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. जांच में एनसीआर में बड़ा गिरोह संचालित होने की जानकारी मिली. खेरागढ़ पुलिस और एसटीएफ नोएडा ने मिलकर इस बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया. ये गिरोह ई—कामर्स कंपनी बनाकर अब तक करोड़ों रुपये की ठगी क्रेडिट कार्ड धारकों से कर चुका था. पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को पकड़ा है और इनके पास से करीब छह हजार क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा, साढ़े 6 लाख से अधिक कैश और लग्जरी गाड़ियों सहित अन्य सामान बरामद किया है. पुलिस चारों को गिरफ्तार कर आगरा लाई है.
कॉल सेंटर पर सीखा ठगी करना
पकड़े गए चारों आरोपियों के नाम आस मोहम्मद उर्फ आशू, सौरभ भारद्वाज, लखन गुप्ता और शिवम गुप्ता बताए गए हैं. पूछताछ में आशू ने पुलिस को बताया कि वह छह साल पहले एक सैलून में काम करता था. दो साल काम करने के बाद वह ओखला स्थित एक कॉल सेंटर पर काम करने लगा. यहां पर उसकी मुलाकात सौरभ भारद्वाज और मोनिका भारद्वाज से हुई. ये दोनों भी कॉल सेंटर पर काम करते थे. आशू और सौरभ ने यहां के एक और कर्मचारी अजीत पाल से क्रेडिट कार्ड का डाटा लेकर फर्जी तरीके से रुपये निकालना सीखा और इसको अपना धंधा बना लिया. सौरभ और आशु ने ई कॉमर्स की मर्चेडाइज साइट बनाकर प्रताप एंटरप्राइजेस नाम से कंपनी बनाई. सौरभ कॉल सेंटर पर काम करने वाली मोनिका से क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा लेता था और प्रति कार्ड धारक का डाटा देने पर वह मोनिका को 35 रुपये देता था.
इस तरह देते थे वारदात को अंजाम
सौरभ और आशु क्रेडिट कार्ड धारकों पर कॉल करके फर्जी तरीके से ओटीपी और गुप्त पिन नंबर ले लेते थे. इसके बाद बनाई गई फर्जी साइट पर शपिंग के नाम पर खाते से रकम पार करके इसके खाते में ट्रांसफर कर देते थे. इसके बाद फौरन खाते से रकम निकाल लेते थे. आशु ने अपने इस काम को अंजाम देने के लिए अपने दो पड़ोसी लखन गुप्ता और शिवम को भी जोड़ दिया. ये दोनों ही क्रेडिट कार्ड धारकों को फोन करते थे. सौरभ ने इंडिया शापी लाइट और शिव एंटरप्राइजेज नाम से दो ई कामर्स साइट और बनाईं। तीनों साइटों का नाम लेकर ये शातिर लोगों को काल करते थे. पुलिस अभी गैंग के बारे में और जानकारी कर रही है.
मोनिका के पास हजारों लोगों का डाटा
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा वह कॉल सेंटर कर्मचाीर मोनिका भारद्वाज से लेता था और इसके लिए वह 35 रुपये प्रति डाटा के हिसाब से पैसे देता था. उसने बताया कि मोनिका के पास इस समय हजारों लोगों का डाटा है और वह उन्हें बेचने के लिए कई लोगों से संपर्क भी कर रही है.