आगरालीक्स…(29 May 2021 Agra) धुएं का ‘छल्ला’ बनाने से डर रहे लोग. डर और घर छुड़ा रहा सिगरेट का शौक. फेफड़ों को बचाने के लिए लोग सिगरेट से कर रहे तौबा…पढ़ें पूरी खबर
अच्छा और बुरा सबक लेकर आई महामारी
कोरोनाकाल ने लोगों में कई तरह का परिवर्तन पैदा किया है. इनमें कुछ बुरा है तो कुछ अच्छा भी है. बुरा ये है कि कोरोना महामारी ने तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लिया है. कोरोना की दूसरी लहर में तो कई लोगों ने अपनी जान तक गंवा दी. कई बच्चों के सिर से माता—पिता का साया उठ गया तो कइयों ने अपनों को बचाने के लिए सारी जमा पूंजी तक लगा दी. लोगों का रोजगार छूट गया तो व्यापारियों का बिजनेस बंद हो गया. लेकिन अच्छी वाली बात ये है कि लोगों की अच्छी तरह से समझ में आया है कि उनका सेहतमंद होना कितना जरूरी है. किन चीजों को खाने से इम्युनिटी बढ़ती है और किन चीजों से नुकसान होता है.
सिगरेट से कर रहे तौबा
लोग अब पहले से अपनी सेहत का अच्छी तरह से ध्यान रख रहे हैं. सिगरेट पीने वालों पर कोरोना का खौफ छाया हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से फेंफड़ों के खराब होने की जानकारी समाने आई है. फेफड़े कमजोर होने वालों के संक्रमित होने का ज्यादा चांसेज रहते हैं. ऐसे में लोगों में इसको लेकर डर फैल गया है. वायरस के संक्रमण के डर से लोगों ने धूम्रपान कम कर दिया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है जिले में सिगरेट की बिक्री का ग्राफ करीब 25 प्रतिश तक गिर गया है.
घर पर भी नहीं पी सकते
दूसरा कारण लोगों के घर पर ही रहना है. आंशिक लॉकडाउन के कारण कई लोगों का काम छूट गया है और वो अभी घर पर हैं. ऐसे में घर पर रहकर लोग खुलकर सिगरेट नहीं पी सकते, जिसके कारण सिगरेट पीने की संख्या भी अब कम हो गई है. जो लोग दिनभर में 5—6 सिगरेट पीया करते थे वो अब केवल दो तक ही सिमट गई है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
इस संबंध में आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट के विभागाध्यक्ष डॉ. जीबी सिंह का कहना है कि धूम्रपान का सीधा असर फेफड़े पर पड़ता है. सिगरेट या बीड़ी का धुआं फेफड़े में जाता है. इससे फेफड़े कमजोर हो जाते हैं. कमजोर फेफड़े वाले लोग आसानी से कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं कुछ मामलों में संक्रमित की मौत हो जाती है.
धूल और धुएं से हो खराब हो जाते हैं फेफड़े
ब्रांकाइटिस फेफड़े की बीमारी है. यह धूल और धुएं के कारण होती है. धूल और धुएं के कण फेफड़े में जाकर चिपक जाते हैं. इससे संक्रमण हो जाता है.