आगरालीक्स…आगरा में मेट्रो निर्माण के दौरान भी हवा की गुणवत्ता में सुधार. एंटी-स्मॉग गन और टैंकरों से हो रहा जल छिड़काव. अधिकारी बोले—मेट्रो निर्माण में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा निहित…
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के निरंतर प्रयासों का असर अब स्पष्ट दिखाई देने लगा है। पर्यावरण-वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में प्रदेश के 17 शहरों ने शानदार प्रदर्शन किया है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की राष्ट्रीय रैंकिंग में आगरा ने तीसरा और कानपुर ने पांचवा स्थान प्राप्त किया है। गौरतलब है कि वर्तमान में दोनों ही शहरों में यूपीएमआरसी की मेट्रो परियोजनाओं का सिविल निर्माण कार्य बड़े पैमाने पर जारी है।
आगरा मेट्रो स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल द्वारा पर्यावरण हितैषी कदमों के लिए पहले ही ‘प्लैटिनम’ रेटिंग दी गई है जो कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से किसी भी निर्माण परियोजना को दी जाने वाली सर्वोच्च मान्यता है। सिविल निर्माण को अक्सर प्रदूषण का प्रमुख कारण माना जाता है, लेकिन यूपीएमआरसी ने शुरुआत से ही इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए। निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन और टैंकरों से जल छिड़काव, आरएमसी प्लांट्स पर व्हील वॉशिंग, व्यवस्थित बैरिकेडिंग और मैकेनिकल ब्रूमिंग जैसी व्यवस्थाएं नियमित रूप से लागू की गईं। मुख्य सड़कों और निर्माण स्थलों पर मशीनों से सफाई, लेनों की मैकेनिकल स्वीपिंग और धूल नियंत्रण ने वायु गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसके साथ ही, हरित एवं पर्यावरण-अनुकूल परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देने और ग्रीन बेल्ट के विकास से भी प्रदूषण नियंत्रण में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इसी अवधि में कानपुर और आगरा मेट्रो के सिविल निर्माण कार्य चल रहे थे। यह उपलब्धि यूपीएमआरसी की प्रदूषण नियंत्रण के प्रति प्रतिबद्धता और सतत प्रयासों को रेखांकित करती है। इस अवसर पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, “मेट्रो परियोजनाओं के विकास के मूल में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा निहित है। अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों की तुलना में मेट्रो सबसे पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है क्योंकि यह जीरो कार्बन उत्सर्जन पर आधारित प्रणाली है।आगरा मेट्रो न केवल निर्माण चरण में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में प्रयासरत हैं, बल्कि यात्रियों को हरित एवं टिकाऊ परिवहन विकल्प उपलब्ध करा, कार्बन उत्सर्जन घटाने में भी योगदान दे रहे हैं। आने वाले समय में भी यूपीएमआरसी पूरी सजगता के साथ इस दिशा में कार्य करता रहेगा।”
पर्यावरण हित में यूपीएमआरसी के प्रमुख प्रयास
- आगरा मेट्रो परियोजना में 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग
- ट्रेनों एवं लिफ्टों में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली जिससे की जाती है लगभग 45 प्रतिशत ऊर्जा की बचत
- वायाडक्ट पर वर्षा जल संचयन कूप जिससे अधिक से अधिक वर्षा जल का संचय हो सके
4.एचवीएसी-आधारित एयर कंडिशनिंग कंट्रोल सिस्टम – जो ट्रेन में अधिक यात्री संख्या को अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से जोड़कर कूलिंग अपने हिसाब से उचित तापमान पर करता है
इसके साथ ही निर्माण स्थलों पर जल छिड़काव, व्हील वॉशिंग प्लांट्स, बैरिकेडिंग और मैकेनिकल ब्रूमिंग जैसे उपाय लगातार लागू किए गए। इन नवोन्मेषों और उपायों ने आगरा मेट्रो एवं कानपुर मेट्रो को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से टिकाऊ और सक्षम परियोजना के रूप में स्थापित किया है।