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Agra news- Vasant Panchami: Success is achieved by worshiping Mother Saraswati, do simple measures to increase the intelligence of children
आगरालीक्स…वसंत पंचमी मां सरस्वती जयंती कल है। विद्या के क्षेत्र से जुड़े लोग कैसे करें पूजा-अर्चना। बच्चों की मेधा शक्ति बढ़ाने के लिए करें कुछ सरल उपाय।
शुभ संयोग में पड़ रही वसंत पंचमी
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले पंडित हृदय रंजन शर्मा वसंत पंचमी की विस्तृत जानकारी देते हुए बताते हैं कि माघ शुक्ल पक्ष पंचमी दिन गुरुवार 26 जनवरी 2023 उत्तराभाद्रपद नक्षत्र शिव योग बालव करण के शुभ संयोग में श्री सरस्वती जयंती वसंत पंचमी मनाई जाएगी।
ऋतुओं का भी इस दिन से प्रारंभ
यह तिथि अनुबूझे ( पूजा ) के साए के रूप में भी विश्व प्रसिद्ध है। ऋतुओं का आरंभ हो वसंत से ही माना जाता है इसलिए ही शास्त्रों में वसंत ऋतु को ऋतुराज कहते हैं।
कला, शिक्षा, विद्या की साधना का पर्व
यह पर्व कला के विविध आयाम शिक्षा, विद्या, साधना का भी पर्व है यह नूतन (नया ) संकल्प ग्रहण करने का उत्साहवर्धक पर्व है। यह व्यक्ति को विद्या संपन्न एवं कला संपन्न बनाने के लिए प्रेरित करता है और मानव जीवन में एक नूतन उत्साह एवं उल्लास का संचार करता है।
भगवती सरस्वती जयंती
वसंत पंचमी का पावन पर्व भगवती सरस्वती जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, इस पावन अवसर पर प्रकृति स्वयं वसंत अवतरण के रूप में भगवती सरस्वती का अभिनंदन करती है
मां सरस्वती की करें विशेष पूजा अर्चना
विशेष रूप से इस दिन शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग व्यक्ति, शिक्षक, विद्यार्थियों को भगवती सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मां सरस्वती से मांगना चाहिए कि उनके जीवन में कभी भी कोई दिक्कत परेशानी समस्या नरहे,उन्हें जीवन में मान-सम्मान ख्याति नाम की प्राप्ति हो, उनकी वाणी में तेज हो जिस कार्य के लिए वह परिश्रम कर रहे हैं।
🌻 ( ॐ ऐंग सरस्वत्यै नमः )
इस मंत्र की 5 7 9 11 माला जाप पूर्ण आस्था विश्वास से करनी चाहिए।
बच्चों की मेधा शक्ति बढ़ाने को करें यह उपाय
विशेष रूप से जिन बच्चों को बोलने में ,पढ़ने में ,पढ़ाई में बोलने की ,शिक्षा में कमजोर हैं. या बोलने में तुतलाते या हकलाते है उन्हें अष्टगंध या सफेद चंदन से बेरया अनार की कलम बनाकर बच्चे की जीभ (जिह्वा) के ऊपर प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर देवी सरस्वती के चित्र पर बच्चे से फूल माला अर्पित कराएं धूप दीप जलाएं, भोग प्रसाद चढ़ाएं उसके बाद (ऐं) शब्द बनाना चाहिए और माता सरस्वती को आह्वान करते हुए कहना चाहिए कि हमारा बच्चा पढ़ाई लिखाई योग्यता मैं विद्वान बने, उसकेजीवन में कोई परेशानी दिक्कत ना आए पूरे वर्ष भर और जीवन भर बच्चे पर आपकीअति कृपा बनी रहे जिससे उसके जीवन में हर प्रकार की खुशहाली सुख सुविधा एवं उन्नति बनी रहे कामना अवश्य ही रखनी चाहिए.
पूजाविधि
वसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें, फिर मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित कर सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करने के बाद आरती उतारें । दूध, दही, घी, शकर,शहद और तुलसी मिलाकर पंचामृत का प्रसाद बनाकर मां को भोग लगाने के बाद इस मंत्र का जप 108 बार करें ।
🌻मंत्र-
🍁।। ऊं ऐं सरस्वत्यै नम: ।।
इस दिन इन उपायों को जरूर करें
♦️ जिन बच्चों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर और पढ़ाई में मन ना लगे तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को 5 हरे फलों को भेट करने के बाद 11फल गरीबों को दान कर दें ।
♦️ इस दिन पढ़ाई करने के स्थान पर पीले रंग के पर्दे या चित्र रखे । पढ़ाई में तेज मन लगने लगेगा ।
♦️मां सरस्वती का चित्र अपने अध्ययन कक्ष या टेबल पर अवश्य रखें ।
♦️ अपनी टेबल पर क्रिस्टल या स्फटिक का ग्लोब रखें और उसे पढ़ाई करते समय बीच बीच में दो, तीन बार जरूर घुमाएं । ऐसा करने से एकाग्रता बढ़ेगी ।
♦️ अगर संगीत के क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, तो मां सरस्वती के इस मंत्र- ‘ह्रीं वाग्देव्यै ह्रीं ह्रीं’ का रोज 108 बार जप जरूर करें, एवं शहद का भोग लगा कर उसे प्रसाद के रूप में बांट दें।
♦️ अगर पति-पत्नी के संबंधों में विवादों, न्यायिक मामलें, या फिर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो तो बसंत पंचमी के दिन ‘अर्गला स्तोत्र’ और ‘कीलक स्तोत्र’ का पाठ करें।