Britain’s unique rover will now walk on the Moon surface
आगरालीक्स…चंद्रमा पर इसी साल कदम रखेगा ब्रिटेन का अनोखा रोबोटिक स्पाइडर रोवर..पहियों से नहीं पैदल चलेगा चंद्रमा पर..
ब्रिटेन का बडा कदम
इस साल गर्मियों में ब्रिटेन अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में एक बडा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है. ब्रिटेन का पहला रोबोटिक स्पाइडर रोवर इसी साल चंद्रमा पर कदम रखने जा रहा है. रोबोटिक फर्म स्पेसबिट के जरिए यह रोवर चंद्रमा पर पहुंचेगा. ब्रिटेन के इस कदम से उसकी यूरोपीय स्पस एजेंसी पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. लंदन की स्पेसबिट कंपनी नासा के साथ ब्रिटिश प्रोब पर काम कर रही है. इस रोवर को आसागुमा नाम दिया गयाहै. यह प्रोब आकार में बहुत छोटा है.
पैदल चलेगा रोवर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्पेसबिट के इंजीनियरों ने ब्रिटेन के इस चंद्रमा मिशन के लिए जाने वाले रोवर के पहियों की जगह पैर बनाए गए हैं, ताकि उसके चंद्रमा पर चलने फिरने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो. इन पैरों के जरिए रोवर को लावा के अंदर आने—जाने में भी किसी तरह की अडचन नहीं होगी.
अपनी तरह का पहला रोवर
यह तो सर्वविदित है कि अब तक चंद्रमा पर भेजे गए सभी रोवर पहियों से गति करते रहे हैं. लेकिन पहली बार पहियों की जगह पैरों से चलेगा रोवर. ये रोवर चंद्रमा पर स्थित लावा ट्यूब में आसानी से जा और आ सकेगा. आकार में महज 10 सेमीं लंबा यह रोवर चंद्रमा की सतह पर आसानी से चल भी सकेगा और डूबने से भी बच जाएगा, क्योंकि इस रोर में चार पैर हैं और निचला हिस्सा चौडा पैड है, जो स्की पोल्स की तरह है. चंद्रमा पर स्थित लावा ट्यूब इंसानों को अंतरिक्ष के विकरण से बचाने में सक्षम होंगी. ये लावा ट्यूब ही चंद्रमा पर इंसानों के बसने के लिए पहली पसंद होंगी.
जल्द बसेगी मानव बस्तियां
जिस तरह से अंतरिक्ष, चंद्रमा और मंगल पर अभियान भेजे जा रहे हैं, उसे देख कर लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब चंद्रमा और मंगल पर इंसानी बस्तियां बस जाएंगी. दुनियाभर में इन अभियानों पर अरबों डॉलर व्यय किया जा रहा है. स्पिेस बिट के सीईओ पावल तानास्युक का कहना है कि स्पेसबिट भविष्य में चंद्रमा पर लौटने की योजना बना रहा है. इसके लिए उन्हें वहां रहने की जगह भी चाहिए होगी. उन्हें उम्मीद है कि आसागुमो इस दिशा में विशेष भूमिका निभाएगा.