आगरालीक्स ..आगरा में एक और बिल्डर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिल्डर से पीडि़त 23 लोग सामने आए हैं, ये सभी शहर के प्रमुख कारोबारी हैं।
न्यू आगरा के निर्भय नगर निवासी शैलेंद्र अग्रवाल निखिल होम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। कंपनी ने सिकंदरा में कामायनी के सामने स्थित निखिल वुडलैंड और शमसाबाद रोड पर चमरौली में निखिल पार्क रॉयल के प्रोजेक्ट शुरू किए थे। निखिल वुडलैंड में 56 तथा निखिल पार्क रॉयल में पांच सौ से ज्यादा फ्लैट्स का निर्माण प्रस्तावित है। इन दोनों ही प्रोजेक्ट में शहर के प्रमुख व्यापारियों, वकीलों तथा सीए आदि ने अपने फ्लैट बुक किए थे। शनिवार को कमला नगर स्थित होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में जुटे पीड़ितों ने बताया कि बिल्डर का शमसाबाद रोड स्थित निखिल रॉयल पार्क प्रोजेक्ट मार्च 2015 में पूरा होना था। विकास प्राधिकरण से पास मानचित्र के विपरीत निर्माण कराने पर उसने फरवरी 2015 में प्रोजेक्ट पर सील लगा दी। इसके चलते उनका करोड़ों रुपये फंस गया है। उन्होंने विभिन्न बैंकों से ऋण लिया था। बिल्डर से रकम मांगते हैं तो वह धमकी देता है। पीड़ितों ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत आइजी जोन के यहां की है। उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
कई लोगों के नाम कर दी रजिस्ट्री
पीड़ित कारोबारियों का कहना है कि कंपनी ने निखिल वुडलैंड प्रोजेक्ट के कुछ फ्लैट की रजिस्ट्री कई लोगों के नाम कर दीं। रवि माहेश्वरी निवासी मंगलम स्टेट ने बताया कि निदेशक ने फ्लैट संख्या 208 का बैनामा 2013 में फीरोजाबाद निवासी मनोज अग्रवाल के नाम किया। इसके चार महीने बाद 2014 में उसी फ्लैट की दूसरी रजिस्ट्री उनके नाम कर दी। उन्होंने फ्लैट पर बैंक से ऋण लेकर बिल्डर को दे दिया। उन्होंने कंपनी निदेशक से इस बारे में जानकारी करनी चाही, तो उन्होंने धमकी देकर भगा दिया। रवि का आरोप है कि इसी फ्लैट को जून 2015 में तीसरी बार नई दिल्ली के मोती नगर निवासी अनंतलाल श्रीवास्तव को बेच दिया। उन्होंने भी दिल्ली में उसी बैंक से फ्लैट पर लोन लेकर बिल्डर को दे दिया।
दो मुकदमों में पुनर्विवेचना के आदेश
पीड़ितों के मुताबिक बिल्डर के खिलाफ सिकंदरा थाने में भी धोखाधड़ी के दो मुकदमे दर्ज कराए थे, लेकिन पुलिस ने एफआर लगा दी। वादी के आपत्ति जताने पर कोर्ट ने दोनों मुकदमों की पुनर्विवेचना के आदेश दिए हैं। वहीं, बिल्डर का मीडिया से कहना है कि एडीए के चलते प्रोजेक्ट तैयार होने पर समय लग रहा है, सभी को उनके फ्लैट दिए जाएंगे।
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