मुरादाबाद इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर साइंस के अंतिम सेमेस्टर के छात्र आकाश को ‘एथिकल हैकिंग’ में भी महारत रखते हैं। कंप्यूटर सिक्योरिटी सिस्टम तोड़ना उनके बाएं हाथ का खेल है। इसी से उसकी सिक्योरिटी सिस्टम बनाने का आइडिया भी आया। उन्होंने कंप्यूटर सुरक्षा के लिए डिजिटल सिग्नेचर की कोडिंग डिजाइन की। इसे माइक्रोसाफ्ट को भेजा।
कंपनी ने उनकी डिजाइन पर काम किया और उसे सुरक्षित मानते हुए विंडो के नए वर्जन में एड किया है। आकाश मूल रूप से काशीपुर के रहने वाले हैं।
आकाश ने मीडिया को बताया कि हैकर्स को आज भी बुरी नजर से देखा जाता है। लेकिन हैकर केवल गलत काम नहीं करते। विश्वभर में जितने भी डिजिटल सिक्योरिटी सिस्टम तैयार हुए हैं वे हैकर्स की देन है जिन्हें एथिकल हैकर कहा जाता है। आज हैकर्स सरकार के लिए भी काम कर रहे हैं।
आकाश की डिजाइन को अपने नए वर्जन में जोड़ने के बाद कंपनी ने उन्हें अपने साथ जोड़ भी लिया है। बिना कोई परीक्षा और इंटरव्यू दिए ही वे विश्व की नंबर वन कंपनी के इंप्लाई बन गए हैं। माइक्रोसाफ्ट ने उन्हें 58 लाख रुपये सालाना का पैकेज दिया है।
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