आगरालीक्स… आगरा में ईएमआई फ्री कार के डायरेक्टर ध्यान प्रताप को धोखाधड़ी में अदालत ने चार साल कैद की सजा सुनाई है। एटा के थाना मारहरा के गांव कांजीखेड़ा निवासी ध्यान प्रताप सिंह उर्फ डीपी सिंह ने ईएमआई फ्री कार एडवरटाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड और एसटीसी मीडिया वर्ल्ड प्रा.लि. तथा ईएमआई फ्री कार कंपनियां बनाई थीं। ईएमआई फ्री कार कंपनी का मुख्यालय उसने सिकंदरा आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर नौ में बनाया था। डीपी सिंह ने विभिन्न राज्यों के दर्जनों लोगों को तीन-तीन लाख रुपये में कंपनी की फ्रेंचाइजी दी थी।
इसके बदले उन्हें गाड़ी मालिकों से 31-31 हजार रुपये के चेक कंपनी के खाते जमा करा ईएमआई फ्री के नाम पर जोड़ा गया था। जिसके बदले में कंपनी के प्रचारक स्टीकर वाहनों पर लगाए गए थे। डीपी सिंह की कंपनी द्वारा दिए उपभोक्ताओं को दिए गए चेक बाउंस हो गए थे। मामले में संजीव कुमार तालान ने सिकंदरा थाने में पिछले साल मुकदमा दर्ज कराया था।
मुकदमे की सुनवाई के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरविंद विकास ने निदेशक ध्यान प्रताप सिंह उर्फ डीपी यादव को दोषी पाते हुए चार साल की कैद तथा दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
10 अगस्त को कार्यालय को लूटा
ईएमआई फ्री कार आगरा ने ग्राहकों और फ्रेंचाइजी मालिकों से करोडों की धोखाधडी की है। 10 अगस्त को उनके पैसे वापस करने का वादा करने के बाद कंपनी के मालिक ऑफिस पर ताला लगाकर फरार हो गए। सोमवार को आक्रोशित लोगों ने ईएमआई पफ्री कार आगरा के ऑफिस का ताला तोडकर सामान लूट लिया और तोडफोड की, कंपनी के 34 फ्रेंचाइजी मालिकों और ग्राहकों ने निदेशक डीपी सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की तहरीर दी है।
सोमवार दोपहर 12 बजे आगरा फीरोजाबाद, वाराणसी, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, मैनपुरी और गाजियाबाद आदि शहरों से दर्जनों लोग आवास विकास कॉलोनी स्थित कंपनी के कार्यालय पर जुटने लगे। ऑफिस में ताला देख लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच कुछ लोगों ने कार्यालय के शटर का ताला तोड़ दिया। वहां रखे कंप्यूटर तथा प्रिंटर आदि उठाकर ले जाने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत किया।
इंस्पेक्टर हरि मोहन सिंह ने बताया कि ईएमआइ फ्री कार कंपनी के निदेशक डीपी सिंह के खिलाफ विभिन्न शहरों के फ्रेंचाइजी मालिकों समेत 34 लोगों ने तहरीर दी है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
दौड़ रहीं ईएमआइ फ्री कार
फ्रेंचाइजी मालिकों और ग्राहकों का दावा है कि मंडल में इस समय लगभग दस हजार ईएमआइ फ्री कार दौड़ रही हैं। कंपनी ने ईएमआइ की दो तीन किश्तें ही दी थी। उसके बाद से चेक बाउंस होना शुरू हो गए।
फ्रेंचाइजी से भी की कमाई
कंपनी आगरा, फीरोजाबाद, मथुरा, औरैया, वाराणसी समेत एक दर्जन से अधिक शहरों में अपनी फ्रेंचाइजी दे रखी है। फ्रेंचाइजी दो से तीन लाख रुपये में दी गर्इ् है। फ्रेंचाइजी से दर्जनों कार स्कीम के तहत दी गई हैं, चेक बाउंस होने की स्थिति में उनको अपनी जेब से रकम भरनी पड़ेगी। उनको शहर तक छोड़ना पड़ सकता है।
गाड़ियों के जीपीएस सिस्टम हुए बंद
कंपनी द्वारा साइन कराए गए कांट्रेक्ट में गाड़ी हर महीने कम से कम 1500 किमी चलाए जाने की शर्त थी। इसके साथ ही गाड़ी में जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया था, जिसका पैसा गाड़ी मालिक से लिया गया। ग्राहकों का कहना है कि गाड़ियों के जीपीएस सिस्टम ने भी काम करना बंद कर दिया है।
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