आगरा के नगला बूढ़ी के पास जल निगम का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है। बताया जाता है कि इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की एक मशीन खराब हो गई थी। प्लांट का इंचार्ज अंकित है। अंकित ने करन, सोनू और दीपक को मशीन ठीक करने के लिए सीढ़ी से कुएं में उतारा। बताया जाता है कि कुएं में मीथेन गैस का काफी प्रभाव था जिसके कारण तीनों लोग बुरी तरह से उसमें छटपटाने लगे और आवाज लगाने लगे। इस पर कुंए के बाहर मौजूद अंकित का भाई उन्हें बचाने के लिए कुंए में उतरा, लेकिन वो भी गैस के प्रभाव में आने लगा। बाद में प्लांट का इंचार्ज अंकित ने किसी तरह अपने भाई सनी को बाहर निकाल लिया। अंकित बाकी बचे तीनों युवकों को बाहर निकालने के लिए कुएं में उतर गया लेकिन उसका पैर फिसल जाने के कारण वह भी गैस की चपेट में आ गया और बेहोश हो गया। बाहर मौजूद सनी ने शोर मचाना शुरू कर दिया। मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई लेकिन गैस के प्रभाव के कारण कोई भी कुएं के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बताया जाता है कि चारों युवक करीब एक घंटे तक कुएं के अंदर जिंदगी और मौत के बीच छटपटाते रहे। पुलिस ने जैसे-तैसे चारों को कुएं से बाहर निकाला। जब उन्हें बाहर निकाला गया तो उनके शरीर में किसी भी प्रकार की हलचल न होने के कारण उन्हें तुरंत ही एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया। बताया जाता है कि उनकी काफी गंभीर हालत बनी हुई है।
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