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Gallstones: Overlooking can increase difficulties
आगरालीक्स….अब बडों में ही नहीं बच्चों के पित्ताशय में भी हो रही पथरी. अनदेखी बढा सकती है मुश्किलें…आगरा के सर्जन डॉ. करन आर रावत से जानिए किस वजह से होती है पथरी…….
महिला के पित्ताशय से निकाली 28 पथरी
डॉ. करन आर रावत के अनुसार जब पथरी बड़ी होने लगती है तो पित्ताशय की परत बढ़ जाती है। इससे पेट में नाभि के ऊपर दायीं तरफ दर्द होता है। इसी दर्द की जांच में पथरी का पता चलता है। गरिष्ठ भोजन के बाद कई बार लोगों को एसिडिटी, अपच, पेटदर्द आदि की शिकायत हो जाती है। लेकिन अगर ऐसा बार-बार हो तो यह पित्ताशय (गॉलब्लैडर) में पथरी का संकेत है। यह तकलीफ सिर्फ वयस्कों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी हो सकती है। लंबे समय तक इसकी अनदेखी सेहत संबंधी मुश्किलें बढ़ा सकती है। हाल ही में डॉ. करन आर रावत जी ने एक 35 वर्षीय महिला का आॅपरेशन किया, जिसमें पित्ताशय के साथ 28 पथरी निकाली गई।
पित्ताशय का काम
लिवर के ठीक नीचे थैलीनुमा अंग होता है। यह शरीर में पित्त इकट्ठा करता है। लिवर से निकलने वाला 70 प्रतिशत पित्त सीधे छोटी आंत में जाता है व 30 प्रतिशत पित्ताशय में जमा होता है। अधिक तला-भुना व मसालेदार भोजन लेने पर पित्ताशय में जमा पित्त छोटी आंत में जाकर गरिष्ठ भोजन को पचाने में मदद करता है।
ये है कारण
डॉ. करन आर रावत बताते हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता होता है। अधिक तलाभुना व मसालेदार भोजन करने से लिवर द्वारा रिलीज कोलेस्ट्रॉल की मात्रा पित्त में बढ़ती जाती है जो पथरी का कारण बनती है। इसके अलावा कई बार पित्त में बिलरुबीन व नमक की अधिक मात्रा, शरीर में खून की कमी व आनुवांशिक कारणों से भी यह समस्या हो सकती है। छोटे बच्चों में यह समस्या ज्यादातर आनुवांशिक कारणों से या पोषक तत्वों के अभाव में खून की कमी यानी एनीमिया से होती है।
महत्त्वपूर्ण जांचें
सामान्यत: इसका पता सोनोग्राफी से चल जाता है। अधिक परेशानी होने पर कई बार डॉक्टर एमआरसीपी जांच (एक तरह की एमआरआई) करवाते हैं।
दर्द दबाना घातक
इस परेशानी को लंबे समय तक दर्दनिवारक दवा खाकर दबाना नहीं चाहिए क्योंकि पथरी का आकार 3 सेंटीमीटर से अधिक होने या फिर परेशानी को 10 वर्ष से अधिक समय बीतने पर यह कैंसर का रूप ले सकती है
ये हैं प्रमुख लक्षण
शुरूआत में इसके लक्षण अपच, एसिडिटी, जी घबराना व उल्टी आदि के रूप में सामने आते हैं। जिससे इसकी पहचान नहीं हो पाती। जब पथरी बढने लगती है तो पित्ताशय की परत बढ़ जाती है। इससे पेट में नाभि के ऊपर दायीं ओर दर्द होता है। कई बार अधिक समय तक इसकी अनदेखी से पथरी पित्ताशय से निकलकर पाइपलाइन में फंस जाती है जिससे रोगी पीलिया से ग्रसित हो जाता है।
इन्हें है खतरा
मोटापे में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता। गर्भनिरोधक दवाओं, हार्मोन संबंधी रोगों व प्रेग्नेंसी में इलाज के दौरान एस्ट्रोजन की अधिकता। तेजी से वजन कम होने की स्थिति में लिवर ज्यादा कोलेस्ट्रॉल रिलीज करने लगता है जिससे गॉलब्लैडर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है।
सर्जरी है इलाज
पित्ताशय में पथरी एक हो या अधिक, इलाज सर्जरी ही है। इसमें पित्ताशय को बाहर निकाल दिया जाता है जिससे स्वास्थ्य पर फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इसके बाद लिवर का पित्त सीधे छोटी आंत में पहुंचने लगता है जिससे भोजन पचाने का काम सामान्य रूप से होता है। सर्जरी के बाद पथरी की पैथोलॉजी जांच करानी चाहिए क्योंकि कैमिकल एनालिसिस से पथरी के कारण का पता लगाकर भविष्य में अन्य रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है
बचाव के उपाय
अधिक तले-भुने व गरिष्ठ भोजन के बजाय हल्का व संतुलित आहार लें। नियमित योग व व्यायाम करें।
अधिक वजन वाले लोग घी, मक्खन आदि से परहेज करें व फैट फ्री दूध लें।
शरीर में पानी की कमी न होने दें। इसके लिए दिनभर में 3-4 लीटर पानी पिएं।
अंकुरित अनाज, दालें, राजमा, सेब, पपीता, केला आदि फाइबरयुक्त चीजें लें।
Dr.Karan R Rawat
Advanced Laproscopic/Gastrointestinal/Robotic /General surgeon
MBBS MS FMAS DMAS FICRS FIAGES mCRSA
Dr Shalini Sharma
MBBS MD DM Gastroenterologist
Gastro care clinic
Safe surgery center
www.safesurgeryc.in
7398888889