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Lohri is important in Hindu-Punjabi culture, it is also special for newly married couples
आगरालीक्स… लोहड़ी पर्व 13 जनवरी को है। लोहड़ी में हिंदू और पंजाबी संस्कृति का है महत्व। नवविवाहित जोड़ों के लिए भी खास। जाने विस्तार से।
सती के योगाग्नि-दहन का पर्व
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा बताते हैं कि लोहड़ी से संबद्ध परंपराओं एवं रीति-रिवाजों से ज्ञात होता है कि प्रागैतिहासिक गाथाएँ भी इससे जुड़ गई हैं। दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह अग्नि जलाई जाती है।
दुल्ला भट्टी ने अकबर से लड़ी थी लड़ाई
लोहड़ी को दुल्ला भट्टी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता हैं। दुल्ला भट्टी मुग़ल शासक अकबर के समय में पंजाब में रहता था। उसे पंजाब के नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उस समय संदल बार के जगह पर लड़कियों को ग़ुलामी के लिए बल पूर्वक अमीर लोगों को बेच जाता था जिसे दुल्ला भट्टी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न केवल मुक्त ही करवाया बल्कि उनकी शादी भी हिन्दू लड़कों से करवाई और उनके शादी की सभी व्यवस्था भी करवाई।
लोहड़ी पर अग्नि का पूजन
🔥 सूर्य ढलते ही खेतों में बड़े–बड़े अलाव जलाए जाते हैं। घरों के सामने भी इसी प्रकार का दृश्य होता है। लोग ऊँची उठती अग्नि शिखाओं के चारों ओर एकत्रित होकर, अलाव की परिक्रमा करते हैं।
अग्नि को अर्पित करते हैं भोज्य पदार्थ
अग्नि को पके हुए चावल, मक्का के दाने तथा अन्य चबाने वाले भोज्य पदार्थ अर्पित करते हैं। ‘आदर आए, दलिदर जाए’ इस प्रकार के गीत व लोकगीत इस पर्व पर गाए जाते हैं। यह एक प्रकार से अग्नि को समर्पित प्रार्थना है। इसमें अग्नि भगवान से प्रचुरता व समृद्धि की कामना की जाती है।
परिक्रमा के बाद प्रसाद वितरण
परिक्रमा के बाद प्रसाद वितरण भी होता है। प्रसाद में पाँच मुख्य वस्तुएँ होती हैं – तिल, गजक, गुड़, मूँगफली तथा मक्का के दाने। शीतऋतु के विशेष भोज्य पदार्थ अलाव के चारों ओर बैठकर खाए जाते हैं। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण व्यंजन है, मक्के की रोटी और सरसों का हरा साग
बच्चे गाते हैं गाना
लोहड़ी की संध्या पर होली की तरह लकड़ियाँ एकत्रित करके जलायी जाती हैं और तिलों से अग्नि का पूजन किया जाता है। बच्चों की टोलियाँ लोहड़ी गाती हैं। एक गीत गाते हैं, जो कि बहुत प्रसिद्ध है
सुंदर मुंदरिये ! ..हो
तेरा कौन बेचारा,..हो
दुल्ला भट्टी वाला,…हो
दुल्ले घी व्याही, …हो
सेर शक्कर आई,..हो
कुड़ी दे बाझे पाई,..हो
कुड़ी दा लाल पटारा,..हो
लोहड़ी नवविवाहितों के लिए खास
नव विवाहित जोड़ा इस दिन अग्नि में आहुति देते हुए उसके चारों ओर घूमता है और अपनी सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करता है. माना जाता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में कोई परेशानी नहीं आती।