अलीगढ़ लीक्स(चमन शर्मा)… अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने अपने 100 साल के इतिहास में ऐसा चिंताजनक दौर कभी नहीं देखा मात्र 15 दिनों में एएमयू के 15 से ज्यादा प्रोफेसर का निधन हो गया अगर उसमें सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर और अन्य कर्मचारियों के निधन को भी जोड़ा जाए तो यह संख्या 40 से कहीं ज्यादा आंकी जा रही है।
एएमयू के 100 साल के इतिहास में आया पहली बार ऐसा दौर
शिक्षाविद सर सैयद अहमद खान ने 1875 में Muhammadan Anglo-Oriental College की स्थापना की, जो 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन गया। स्थापना के सन 1920 से लेकर आज तक एएमयू में इतना चिंताजनक दौर कभी नहीं आया, जब इतनी तादाद में वर्तमान प्रोफेसर, सेवानिवृत्त प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों का निधन हुआ। कोरोना काल की दूसरी लहर ने एएमयू को इतना झकझोर कर रख दिया है कि एएमयू की इंतजामिया इस पर चिंता में है और साथ ही साथ एएमयू में शोक व्याप्त है। रोजाना लगभग फेसबुक पर, ट्विटर पर, इंस्टाग्राम पर, व्हाट्सएप पर एएमयू से जुड़े किसी शख्स की दुखद मृत्यु की सूचना इस कोरोना का काल में देखने को मिल रही है।
इन वर्तमान प्रोफेसर का हुआ निधन
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव व ईसी मेंबर प्रो. आफताब आलम की सूची के अनुसार इन प्रोफेसर का हुआ निधन-
विज्ञान विभाग के प्रो. काजी मोहम्मद जमशेद
मोलीजात विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. यूनुस सिद्ददीकी
इलमुल अदविया विभाग के चेयरमैन गुफराम अहमद, मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो. साजिद अली खान, म्यूजियोलोजी विभाग के चेयरमैन डा. मोहम्मद इरफान
सेंटर फोर वीमेंस स्टडीज के डा. अजीज फैसल
यूनिवर्सिटी पालिटेक्निक के मोहम्मद सैयदुज्जमान
इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिबरैल
संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ
अंग्रेजी विभाग के डा. मोहम्मद यूसुफ अंसारी
इसके अतिरिक्त
विगत दिनों हुआ पूर्व कार्यवाहक कुलपति व सेवानिवृत्त प्रो शब्बीर का निधन