Muhurta of auspicious works on Vijaya dashami, wealth and grain from Neelkanth Darshan, adopt surefire measures for success
आगरालीक्स…विजयदशमी (दशहरा) सभी शुभ कार्यों को शुरू करने, शस्त्र पूजा का दिन है। जानिये शुभ मुहूर्त, नीलकंठ दर्शन, विजय पर्व पर सफलता के उपाय।
वर्ष की तीन शुभ तिथियों में से एक है दशहरा

श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा बताते हैं कि दशहरा वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है। अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा।
ज्योतिष और पुराणों में है महत्व
विजयादशमी का पर्व इस बार पांच अक्टूबर बुधवार को है ज्योतिष और पुराणों में विजयादशमी का बड़ा महत्व माना जाता हैं। आज के दिन से जुड़े कई शुभ-अशुभ काम पुराणों में बताए गए हैं। आज के इन्हीं शुभ कामों में से एक होता हैं नीलकंठ पक्षी को देखना, जिससे धन-धान्य में वृद्धि होती है। शुभ कार्य अच्छे से संपन्न होते हैं।
दशमी तिथि और श्रवण नक्षत्र का निर्धारण
🌻 दशमी तिथि प्रारंभ 04 अक्टूबर 2022 मंगलवार दोपहर 02:20से
🌻 दशमी तिथि का समापन 05 अक्टूबर 2022 दिन बुधवार दोपहर 12:00 बजे तक
🌻 श्रवण नक्षत्र 04 अक्टूबर 2022 की रात्रि 10:50 बजे से 05 अक्टूबर 2022की रात्रि 09:14 मिनट तक रहेगा
चौघड़िया मुहूर्त, पूजा पाठ एवं शुभ कार्य हेतु शुभ समय
♦प्रातः 06:20 से दिवाकाल 09:20 तक विजय दशमी दशहरा पर विशेष शुभ मुहूर्त का समय कहा जायेगा इसी बीच शस्त्र पूजा किताब कॉपियों की पूजा के लिए ♦ अभिजीत मुहूर्त दिवाकाल11:20 से दोपहर 12:15 के बीच छठ पूजा का सर्वोत्तम समय रहेगा इस समय संकल्प, शुभारंभ ,नूतन कार्य ,गुरु पूजन ,अस्त्र शस्त्र पूजन, शमी पूजन ,वाहन विवाह शादी की खरीदारी भूमि भवन हेतु किसी भी कार्य का शुभारंभ किसी भी विशेष कार्य हेतु अनुष्ठान पूजा पाठ गृह प्रवेश नए कार्य का शुभारंभ हेतु सर्वोत्तम समय कहां जाएगा इस समय विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार चर ,लाभ ,अमृत के तीन विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध होंगे जो किसी भी कार्य के लिए सर्वोत्तम कहे जाते हैं इसके बाद एक और शुभ मुहूर्त “विजय मुहूर्त” के नाम से दोपहर 12:10 से दोपहर 01:40 के बीच में है शुभ का चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध होगा जो किसी भी शुभ कार्य हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण एवं लाभदायक कहा जाएगा
💥सर्व सिद्धि दायक विजय काल- दशहरे के दिन शाम को जब सूरज अस्त होने का समय और आकाश में तारे उदय होने का समय होता है वह है सर्व सिद्धि दायक विजय कहलाता है
🌺 दशहरे के दिन जपा जाने वाला विजयी अचूक कारगर मंत्र -दशहरे की शाम के समय प्रत्येक व्यक्ति को
♦(ॐ अपराजितायै नमः )
⭐मंत्र की 1,2,5,7 या 9 मालाओं का जाप करना चाहिए इससे किसी भी कार्य में विजय प्राप्त होती है मुकदमा जीत विवाह शादी एवं किसी भी कार्य में व्यक्ति की हार नहीं होती है यह अत्यंत अचूक मंत्र है
🔥अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजय दशमी या दशहरे के नाम से मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा
🌟इसी दिन लोग नया कार्य प्रारम्भ करते हैं, शस्त्र-पूजा की जाती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे।
💥 इस पर्व को भगवती के ‘विजया‘ नाम पर भी ‘विजयादशमी’ कहते हैं। इस दिन भगवान रामचंद्र चौदह वर्ष का वनवास भोगकर तथा रावण का वध कर अयोध्या पहुँचे थे। इसलिए भी इस पर्व को ‘विजयादशमी’ कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि आश्विन शुक्ल दशमी को तारा उदय होने के समय ‘विजय’ नामक मुहूर्त होता है। यह काल सर्वकार्य सिद्धिदायक होता है। इसलिए भी इसे विजयादशमी कहते हैं
🌻 दशहरे पर करने के कुछ विशेष उपाय
💥 दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन बहुत ही शुभ होता है। माना जाता है कि इस दिन यह पक्षी दिखे तो आने वाला साल खुशहाल होता है
💥 दशहरा के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करें। अगर संभव हो तो इस दिन अपने घर में शमी के पेड़ लगाएं और नियमित दीप दिखाएं। मान्यता है कि दशहरा के दिन कुबेर ने राजा रघु को स्वर्ण मुद्राएं देने के लिए शमी के पत्तों को सोने का बना दिया था। तभी से शमी को सोना देने वाला पेड़ माना जाता है
💥रावण दहन के बाद बची हुई लकड़ियां मिल जाए तो उसे घर में लाकर कहीं सुरक्षित रख दें। इससे नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश नहीं होता है
💥दशहरे के दिन लाल रंग के नए कपड़े या रुमाल से मां दुर्गा के चरणों को पोंछ कर इन्हें तिजोरी या अलमारी में रख दें। इससे घर में बरकत बनी रहती है।