बताया जाता है कि 11 धाराओं के तहत आरोपी बनाए गए हेडली से पेशी के दौरान जब जज ने उससे पूछा कि कुछ कहना चाहते हो तो, हेडली ने कहा कि वह अपना गुनाह करना चाहता और गवाह बनने के लिए तैयार है। हालांकि, इसके लिए उसने शर्त रखी है कि उसे मिलने वाली सजा माफ कर दी जाए।
विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने मीडिया को बताया कि बताया कि हमें अमेरिका के न्याय विभाग ने सूचित किया है कि 26/11 के हमलों में आरोपी डेविड कोलमैन हेडली को भारतीय समय के मुताबिक गुरुवार को शाम 6.30 पर मुंबई की विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाएगा।
हेडली ने 2006 और 2008 के बीच कथित तौर पर पांच बार भारत का दौरा किया और इस दौरान उसने ताज, ओबेरॉय होटल और नरिमन हाउस जैसी जगहों पर जाकर वीडियो फुटेज बनाए जिसे आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को निशाना बनाया था। मुंबई के प्रमुख स्थानों पर हेडली की ओर से टोह लिए आने के आधार पर ही लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया था।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आंतकी डेविड हेडली को लश्कर-ए- तैयबा का अंडरकवर एजेंट बताया जाता है और उन्होंने लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया था। 24 जनवरी 2013 को अमेरिका की संघीय अदालत ने हेडली को दोषी करार दिया था और मुंबई हमले में भूमिका के लिए 35 साल की जेल सुनाई गई थी।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने डेविड कोलमैन हेडली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की सुनवाई में शामिल करने के लिए विशेष टाडा अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। इसके बाद टाडा अदालत ने हेडली को सुनवाई में शामिल करने के लिए अमेरिकी न्याय विभाग को एक अनुरोध पत्र भेजा था। विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने तर्क देते हुए कहा कि अमेरिकी अदालत ने हेडली को जिन आरोपों में दोषी ठहराया है और हमने उस पर जो आरोप लगाएं हैं, वे पूरी तरह से अलग हैं।
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