कोर्टरूम में
पुलिस कांस्टेबल रवीन्द्र पाटिल के बयान पर जज ने कहाकि उनका बयान भरोसे लायक नहीं है। उसके पहले वाले बयान में शराब पीने का जिक्र नहीं है जबकि दूसरे बयान में उसने यह बात जुड़वाई।
कोर्ट ने कहा कि यह साबित नहीं हो पाया कि सलमान खान शराब पीए हुए थे।
कोर्ट ने माना कि गाड़ी सलमान नहीं बल्कि ड्राइवर अशोक सिंह चला रहा था।
हादसे में मारे गए नुरुल्लाह शरीफ की मौत के बारे में बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उसकी मौत गाड़ी को क्रेन से उठाने के दौरान कार के गिरने से हुई। इसे हाईकोर्ट ने मान लिया।
कोर्ट ने कहाकि पुलिस ने कमाल खान का बयान दर्ज क्यों नहीं किया।
इसके बाद कोर्ट ने सलमान को पेश होने को कहा। इस पर सलमान के वकीलों ने कहाकि वे डेढ़ बजे अदालत में पेश हो जाएंगे।
दोपहर डेढ़ बजे सलमान हाईकोर्ट में पेश हुए और पांच मिनट बाद ही जस्टिस एआर जोशी ने फैसला सुना दिया।
फैसले के बाद सलमान खान भावुक हो गए और परिवारवालों से मिलने के बाद उनकी आंखों में आंसू आ गए।
उस रात
वर्ष 2002 में बान्द्रा पश्चिम में एक बेकरी के सामने सो रहे लोगों पर नशे की हालत मे कार चढ़ा दी थी जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी और चार घायल हो गए थे। इस मामले में सत्र अदालत ने सलमान को दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई थी। सलमान ने सत्र अदालत के आदेश को बम्बई हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर सुनवाई हो रही थी।�मामले के चश्मदीद गवाह रवीन्द्र पाटिल की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी। पाटिल ने इस मामले में 28 सितंबर 2002 को पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थीए लेकिन उन्होंने अपनी शिकायत में यह नहीं कहा था कि सलमान खान नशे की हालत में कार चला रहे थे या नहीं।
हालांकि एक अक्तूबर 2002 को सलमान के खून की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पाटिल ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया और कहा कि बॉलीवुड अभिनेता ने उस दिन नशा किया था। उसने सलमान को हिदायत भी दी थी कि वह कार को लापरवाही से न चलाएए अन्यथा दुर्घटना हो सकती है लेकिन उसने सलमान की सलाह नहीं मानी।
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