Agra News: Recruitment of security personnel and security supervisor in
Now birth control will be done with magnets
साइंसलीक्स…अब चुम्बक से होगा बर्थ कंट्रोल, वैज्ञानिकों ने पुरूषों के लिए परिवार नियोजन की नई तकनीक विकसित की
चूहों पर किया गया परीक्षण हुआ सफल
जनसंख्या नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार नये कानून बनाये जाने की तैयारी में है। कई राज्यों ने इसे अमलीजामा भी पहनाना शुरू कर दिया है। इसलिए आम लोगों में परिवार नियोजन के प्रति सम्मान बढ़ा है। अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए महिलाओं के पास तोे कई विकल्प हैं, लेकिन पुरूषों के पास कंडोम और नसबंदी का ही सहारा है। अब वैज्ञानिकों ने पुरूषों के लिए परिवार नियोजन की नई तकनीक विकसित कर ली है।
चीन वैज्ञानिकों द्वारा पुरूषों के एक सुरक्षित और टिकाऊ गर्भ निरोधक की खोज की गई है। अमेरिका की विज्ञान पत्रिका ‘नैनो लेटर्स’ में शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह रिवर्सिबल मैग्नेटिक बायोडिग्रेडेबल नैनो मेटीरियल्स विकसित किये गए हैं. ये एक माह तक निरोधक का काम करते है। इस गर्भ निरोधक का चूहों पर किया गया परीक्षण सफल हो चुका है।
इस तरह किया गया प्रयोग
वैज्ञानिकों के मुताबिक उच्च तापमान पर पुरूष में स्पर्म का प्रोडक्शन नहीं हो पाता है, इसलिए नर चूहों का बाहरी त्वचा पर इसका प्रयोग किया गया। इसके पहले सभी शोध तेज तापमान पर नैनामेटिरियल पर किये गऐ थे, जिन्हे बर्थ कन्ट्रोल के रूप में इंजेक्शन के रूप के तौर पर चूहों को दिया गया था। यह प्रक्रिया काफी दर्दनाक थी, इससे त्वचा को भी काफी नुकसान हुआ। ये नैनो मेटिरियल बायोडिग्रेबल भी नहीं थे, ये प्राक्रतिक रूप से नष्ट होने वाले नहीें थे। इसके बाद वैज्ञानिकों ने बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया है। बायोडिग्रेबल आयरन आक्साइड नैनोपर्टिकल्स के दो रूपों का परिक्षण किया। उन्हे चुंबक के साथ गर्भ किया जा सकता है। एक नैनो पार्टिकल पर इथाइलीन ग्लाइकोल और दूसरे पर साइट्रिक एसिड की लेप लगायी गई।
इस तरह किया परीक्षण
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि पॉलीइथाइलिन ग्लाइकोल नैनो पार्टिकल्स को उच्च तापमान पर गर्म किया जा सकता है, लेकिन साइट्रिक एसिड की तुलना से तोड़ा मोेड़ा नहीं जा सकता। वैज्ञानिकों ने दो दिनो तक चूहों को साइर्टिक ऐसिड लेपित नैनोपार्टिकल्स इन्जेक्शन दो बार लगाया। इसके बाद चुम्बक के साथ इसका प्रयोग किया गया। परीक्षण के बाद सभी नैनोपार्टिकल्स पर 15 मिनट के लिए वैकल्पिक चुंबक लगाया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने इसे 104 डिग्री फ़ारेनहाइट तापमान में गर्म किया गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस प्रयोग से चूहों के शुक्राणु जनन लगभग 30 दिन के लिए संकुचित हो गए। इस प्रयोग से सांतवे दिन मादा चूहों के गर्भधारण में रूकावट पैदा हो गई। जो 7 दिन बाद पुन: शुरू हो गया। इसे बहुत सफल और सुरक्षित उपाय माना जा रहा है।