आगरा के सेंट पैट्रिक्स की छात्रा गार्गी की सांस थीम, आंख रहेंगी जिंदा
आगरालीक्स… आगरा की बिटिया सेंट पैट्रिक्स की 11 वीं की छात्रा गार्गी शर्मा की रक्षाबंधन से एक दिन पहले सांस थम गई लेकिन आंख जिंदा रहेंगी, मौत के बाद गार्गी शर्मा का नेत्रदान कराया गया। उसकी आंख दुनिया की चकाचौंध देख सकेगी, गार्गी की आंखों से दो लोगों की अंधेरी जिंदगी में उजाला होगा।

आगरा में मदिया कटरा निवासी आॅटो पार्ट विक्रेता आनंद शर्मा की बेटी गार्गी शर्मा सेंट पैट्रिक्स वजीरपुरा रोड में 11 वीं छात्रा थी। 16 अगस्त को वह स्कूल में रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने गई थी, सुबह 10 30 बजे फॉर्म भरने के बाद वह अपनी स्कूटी से स्कूल से बाहर निकली, उसके पीछे दूसरी स्कूटी से लॉयर्स कॉलोनी निवासी उसकी फ्रेंड सिदृध्यांशी थी। स्कूल से बाहर निकलते ही पीछे से आ रहे नगर निगम के डंपर ने गार्गी की एक्टिवा को चपेट में ले लिया, इससे वह सडक पर गिर गई, डंपर का पिछला पहिया गार्गी के बाएं पैर से होकर निकल गया। हादसे में गार्गी शर्मा का पैर सहित नीचे का हिस्सा बुरी तरह से फट गया। उसे गंभीर हालत में नयति मेडिसिटी में भर्ती कराया गया है। उसको खून देने और मदद के लिए शहरवासी आगे आ रहे हैं, गार्गी की जिंदगी के लिए दुआ की गई।
नेत्रदान किया, अन्य अंग भी करना चाहते थे दान
नयति हॉस्पिटल में गार्गी का एक पैर शरीर से अलग कर दिया गया है जिससे खून का बहाव बंद हो जाए। इसके साथ ही छह और आॅपरेशन भी किए गए हैं। उसका दिल साथ ले रहा है लेकिन शरीर के बडा हिस्से ने साथ देना बंद कर दिया है। मौत के बाद व्रंदावन के बीएचआरसी डॉ श्राफ आईकेयर इंस्टीटयूट में गार्गी का नेत्रदान कराया गया, डॉ जीएस श्रीवास्तव ने बताया कि गर्गी के परिजनों ने नेत्रदान करने के लिए कहा था, इसके बाद नेत्रदान कराया गया। उसकी कॉर्निया ठीक हैं और दो लोगों की जिंदगी में उजाला ला सकती हैं। गार्गी के परिजन दिल सहित अन्य अंग भी दान करना चाहते थे लेकिन यह संभव नहीं हो सका। आॅपरेशन के बाद से वह वेंटीलेटर पर थी। शनिवार दोपहर तीन बजे नयति हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने गार्गी शर्मा को म्रत घोषित कर दिया।
शहरवासियों ने की मदद, बच जाती बिटिया
गार्गी शर्मा को बचाने के लिए शहरवासियों ने हर संभव मदद की थी, उसकी जान बचाने के लिए अपरिचित भी खून देने के लिए नयति हॉस्पिटल पहुंच गए थे। इसके बाद इलाज में आर्थिक मदद के लिए केनरा बैंक मदिया कटरा में एकाउंट खोला गया था और शहरवासियों ने पैसे जमा किए थे। शहरवासी दुआ कर रहे थे, जिससे गार्गी की जान बच जाए।
नम हुई आंखें
गार्गी की नयति हॉस्पिटल में दोपहर तीन बजे मौत हो गई, उसकी मौत की जानकारी होते ही उसकी मदद सें जुटे शहरवासियों की आंखें नम हो गईं। वे किसी भी तरह से गार्गी की जिंदगी बचाने की कोशिश कर रहे थे, जानते थे कि यह मुश्किल है लेकिन उम्मीद नहीं छोडी थी।
विद्युत शवदाह ग्रह में हुआ अंतिम संस्कार
रात सात बजे गार्गी का शव मदिया कटरा स्थित आवास पर पहुंचा, यहां बडी संख्या में लोग और सेंट पैट्रिक्स स्कूल की शिक्षिकाएं, छात्राएं मौजूद थे, पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया था। रात में ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह ग्रह पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।