मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नौ मई को महाराणा प्रताप जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्णय किया है। इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 2006 में परशुराम जयंती पर अवकाश घोषित किया था और माना जा रहा है कि जातीय संतुलन साधने की कोशिश में अखिलेश यादव वे महाराणा प्रताप जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्णय किया है। गत कुछ महीनों में अखिलेश सरकार ने ताबड़तोड़ सार्वजनिक अवकाश घोषित किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर 17 अप्रैल तथा बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर की जयंती 24 जनवरी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। डा. अम्बेडकर के निर्वाण दिवस छह दिसंबर को भी मुख्यमंत्री ने अवकाश घोषित किया है। इस मामले में दिलचस्प तथ्य यह है कि डा. अम्बेडकर के निर्वाण दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 2009 में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था लेकिन सत्ता में आते ही अखिलेश यादव ने इस छुट्टी का निरस्त कर दिया था। 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने ही फैसले को पलटते हुए बाबा साहब के निर्वाण दिवस पर अवकाश को बहाल कर दिया।
अखिलेश सरकार ने 23 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती तथा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज के उर्स पर 26 अप्रैल को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। उत्तर प्रदेश में अधिक संख्या में सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने को लेकर जनहित याचिका भी उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है जिस पर सरकार से जवाब मांगा गया है। गौर करने की बात यह है कि अब उत्तर प्रदेश में 38 सार्वजनिक अवकाश हो गए हैं जबकि मध्य प्रदेश व तमिलनाडु जैसे राज्यों में इनकी संख्या 25 है। यह भी सर्वविदित है कि राजनीतिक लाभ के लिए ही सरकारें सार्वजनिक अवकाश की संख्या बढ़ाती जा रही हैं। इस साल सार्वजनिक व निर्बंधित अवकाश की संख्या मिलाकर 55 तक पहुंच गई है।
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