किशोरी के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर भटकने के दौरान वहां दीपक नामक युवक मिला। बातचीत में उसने समस्या पूछी और फिर दिल्ली में ही अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसने अपने साथ ले गया। एक सप्ताह तक उसे अपने साथ रखने के बाद एक महिला के हवाले कर दिया। जनवरी के दूसरे सप्ताह में दीपक और उसका साथी राजू किशोरी को कार से आगरा लेकर पहुंचे। यहां उसे जिस्मफरोशों के हाथों बेच गए।
किशोरी द्वारा देह व्यापार से इन्कार करने पर जिस्मफरोशों ने उसे दो दिन तक भूखा-प्यासा रखा। इस दौरान उसे यातनाएं दी गई, गरम सलाखों से दागने की धमकी दी तो वह टूट गई। दो महीने से वह उनके चंगुल में फंसकर गलीज धंधा करने का मजबूर थी।
मकान में बंधक थीं तीन और युवतियां
बरामद किशोरी का कहना था कि मकान में उसकी तरह तीन और युवतियां भी बंधक बनाकर रखी गई थीं। यदि पुलिस मकान की सही तरीके से घेराबंदी करती तो तीनों युवतियों को बरामद कर सकती थी। घेराबंदी करने पहले दो ही सिपाही पहुंचे थे, उन्होंने मकान के बाहर खड़ी बाइक पर डंडा मार दिया। पुलिस को देख युवतियों को दूसरे रास्ते से बाहर निकाल दिया गया।
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