Special on Mother’s Day: Inspirational story of an illiterate mother whose sons are making Agra proud # agra news
आगरालीक्स…मां की महिमा का बखान तो नहीं हो सकता पर एक ऐसी मां की प्रेरणादायी कहानी जिनके बच्चों ने अपने-अपने क्षेत्रों में महारत से आगरा का नाम रोशन किया है।
चंबल के बीहड़ के गांव में समझा शिक्षा का महत्व
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चंबल के बीहड़ के गांव बिजौली बाह आगरा की रहने वाली श्रीमती रामवती देवी बेहद दूरदर्शी हैं। इस गांव में करीब तीन-चार दशक पहले शिक्षा से ज्यादा कोई लेना-देना नहीं था लेकिन वह शिक्षा के महत्व को समझती हैं।
बच्चों को किया सफलता के सोपान गढ़ने को प्रेरित
उन्होंने अपने चारों बेटों को कड़ी मेहनत और प्रेरणा के साथ सफलता के नये सोपान गढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
सबसे बड़े बेटे विश्व बैंक के राष्ट्रीय संयोजक
चार बेटों में से सबसे बड़े डा. संजय सिंह राठौर राष्ट्रीय संयोजक विश्व बैंक (भारत सरकार द्वारा ) एवं प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा संस्थान), भारत सरकार नई दिल्ली में पदस्थ हैं।
मंझले बेटे मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक
मंझले पुत्र प्रोफ़ेसर (डा) दिनेश सिंह राठौर
चिकित्सा अधीक्षक, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा में कार्यरत हैं।
तीसरे पुत्र एडिशन कमिश्नर भारतीय राजस्व सेवा
तीसरे पुत्र श्री मुकेश राठौर (आई.आर.एस) जो एडिशन कमिश्नर भारतीय राजस्व सेवा के तहत वर्तमान में अहमदाबाद में तैनात हैं।
सबसे छोटे बने अधिवक्ता
सबसे छोटे बेटे राहुल राठौर एडवोकेट है, जो खंड विकास समिति बाह के सदस्य हैं।
मां ने हमें एक नहीं दो जन्म दिएः राठौर
डॉ. राठौर बताते हैं कि मां ने एक तो उन्हें शरीर से जन्म दिया और दूसरा जन्म उनका भौतिक रूप से दिया, जिसकी बदौलत वह आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।