Taj Mahal basement map & history of 20 rooms, Full Story
आगरालीक्स ….ताजमहल के बंद 20 कमरे खोलने की मांग पर आज सुनवाई होगी, ताजमहल में किस जगह हैं ये 20 कमरे। यह नक्शा है, इसमें Rooms कहां है यह भी दर्ज है। ये तहखाने ब्रिटिश सरकार के रिकॉर्ड में भी थे। (जानें पूरी खबर दो मिनट में)
ताजमहल के तहखाने में बंद 20 कमरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति होने का दावा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई है। आज यानी 10 मई 2022 को याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले जानते हैं कि ये कमरे ताजमहल में कहां हैं।
ताजमहल में यमुना किनारे की तरफ हैं कमरे
मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में 1632 से 1648 के बीच ताजमहल बनवाया, ऐसा रिकार्ड मेंं दर्ज है। आस्ट्रियाई इतिहासकार ईवा कोच ने अपनी पुस्तक रिवरफ्रंंट गार्डन आफ आगरा में लिखा है कि 1652 में औरंगजेब ने ताजमहल के तहखाना ए कुर्सी हफ्तादार यानी सात आर्च के तहखाने का जिक्र किया था। 1874 में जे डब्ल्यू एलेक्जेंडर की रिपोर्ट से ब्रिटिश सरकार के रिकॉर्ड में तहखाने का जिक्र आया। जे डब्ल्यू एलेक्जेंडर ने तहखाने देखने के बाद नक्शा भी बनाया। ये तहखाने ताजमहल में यमुना किनारे की तरफ हैं, नक्शा में रूम लिखा हुआ है, चमेली फर्श से यमुना किनारे की दो मीनारों के पास से इनका रास्ता है।
इसे लोहे की जालियों से बंद किया गया है और अंधेरा रहता है।
चमेली फर्श के नीचे हैं कमरे
लोहे की जालियों से सीढ़ियों से होते हुए नीचे जा सकते हैं। नीचे जाने पर गैलरी है, जिसकी छत पर पेटिंग हैं, तीन साइड में यहां गैलरी है, जिसमें सात बड़े चैंबर हैं। इसके साथ ही छह चौकोर कमरे हैं, चार अष्टकोणीय कमरे भी हैं। एक आयाताकार चैंबर है, जो इन कमरों से आपस में जुड़ा हुआ है। वर्तमान में तहखाने में स्थित मीनार का दरवाजा बंद है, 20 कमरों के आगे मुख्य गुंबद के ठीक नीचे का हिस्सा ईंटों से बंद किया गया है। उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी बुर्जु के पास बने इन कमरों के दरवाजे लकड़ी के थे, इन्हें हटाकर ईंटो की दीवार लगा दी गई थी। इन सीढ़ियों का उपयोग शाहजहां नदी के रास्ते ताजमहल में जाने के लिए करता था। लेकिन ताजमहल देखने के लिए आने वाले पर्यटकों के बीच में चर्चा यह भी रहती है कि यह सुरंग का रास्ता है और इस रास्ते आगरा किला तो पहुंच सकते हैं।
1972 में पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए थे तहखाने के रास्ते
1972 से पहले तक ताजमहल के तहखाने का रास्ता पर्यटकों के लिए खुला हुआ था। एएसआई के रिटायर इंजीनियर डॉ.एमसी शर्मा के अनुसार, ताज की मीनारों से आत्महत्या करने और चमेली फर्श के नीचे तहखाने में जाने के दौरान हुई घटनाओं के बाद 1972 में इसे बंद कर दिया गया था।
2006 में हुई थी दीवारों की मरम्मत
2006 में तत्कालीन ताजमहल के संरक्षण सहायक मुनज्जर अली ने तहखाने के कमरों का संरक्षण करने के लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीटयूट से सिफारिश की थी। इसके बाद दीवारों में सीलन, दरारें भरने के लिए प्वाइंटिंग और प्लास्टर का काम कराया गया था।