Agra News: 40 couples participated in Ekadashi Udyapan of Agarwal
UP Election 2022 All political parties are adopting every trick to woo Brahmin voters
आगरालीक्स…(रामकुमार शर्मा)। ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी राजनीतिक दल हर हथकंडा अपना रहे हैं। पूर्वांचल में हरीशंकर तिवारी के सपा में जाने से हलचल बढ़ गई है।
पूर्वांचल में हरीशंकर तिवारी के सपा में जाने से हलचल बढ़ी
सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी तरह से ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में लगे हैं। इस खींचतान के बीच पूर्वांचल के कद्दावर ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी ने बसपा छोड़ सपा का दामन थाम पूर्वांचल के ब्राह्मण मतदाताओं को एक विकल्प और दे दिया है। इसका कितना फायदा समाजवादी पार्टी को आने वाले चुनावों में मिलेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, किंतु पूर्वांचल में भाजपा को इससे परेशानी उठानी पड़ सकती है।
कांग्रेस के पराभव के बाद बिखराव हुआ शुरू
ब्राह्मण मतदाता पारंपरिक रूप से कांग्रेस के वोटर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पराभव के बाद इन मतदाताओं में बिखराव शुरू हो गया। ब्राह्मण मतदाता प्रत्याशी के आधार पर मतदान करने लगे। 2007 में बसपा ने दलित ब्राह्मण गठजोड़ की सोशल इंजीनियरिंग का जो नमूना पेश किया, उससे ब्राह्मणों को कोई खास फायदा नहीं हुआ। फलस्वरूप 2012 के चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं ने बसपा का दामन छोड़ दिया और भाजपा और सपा में ब्राह्मण मतदाता बंटने लगे।
ब्राह्मण मतदाताओँ ने पहुंचाया भाजपा को फायदा
ब्राह्मण मतदाताओं का बड़ा वर्ग भाजपा के पाले में चला गया तो जहां सपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा वहां ब्राह्मण मतदाता सपा के पक्ष में मतदान करते नजर आए। 2017 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं ने खुल कर भाजपा के पक्ष में मतदान किया और भाजपा ने रिकार्ड जीत हासिल की।
बसपा सम्मेलन से तो सपा सीधे संवाद में जुटी
आने वाले चुनाव में सभी दल ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में लगे हैं। बसपा जहां जगह-जगह ब्राह्मण सम्मेलन करने में लगी है वहीं सपा ने अपने पांच ब्राह्मण नेताओं को प्रत्येक जिले में जाकर ब्राह्मणों से संपर्क साधने तथा उन्हें सपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा नेताओं को मानना है कि समाज की अगड़ी जातियां उनके साथ हैं।
पूर्वांचल में भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुटी
बता दें कि पूर्वांचल में ब्राह्मण तथा ठाकुर पारंपरिक रूप से एक दूसरे के विरोधी रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ठाकुर होने के कारण यह चर्चा पूरे प्रदेश में जोरों पर रही है कि मुख्यमंत्री ठाकुर अधिकारियों, नेताओं को अधिक महत्व देते हैं। ऐसे में पूर्वांचल के ब्राह्मण नेता हरीशंकर तिवारी के समाजवादी पार्टी में जाने से पूर्वांचल के ब्राह्मण मतदाताओं के भाजपा से छिटकने की आशंका बलवती हो गयी है। भाजपा नेता इस डैमेज कंट्रोल में लगे हैं। देखना है कि चुनाव तक पूर्वांचल के ब्राह्मण मतदाताओं का रुख किस ओर होता है।