
सोमवार को देर रात पुलिस महानिरीक्षक (नागरिक सुरक्षा) अमिताभ ठाकुर को अनुशासनहीनता, शासन विरोधी दृष्टिकोण रखने और हाई कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी के आरोप में निलंबित कर दिया। अमिताभ ठाकुर को निलंबित किए जाने का राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं तो सोशल मीडिया पर वी सपोर्ट अमिताभ ठाकुर पेज पर समर्थन मांगा जा रहा है। सोशल मीडिया पर आईजी पर हुई कार्रवाई को गलत बताते हुए सपा सरकार के लिए 2017 के चुनाव मुश्किल भरे बताए जा रहे है।
आईजी अमिताभ ठाकुर को डीजीपी कार्यालय से संबंद्ध करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि बिना पूर्व अनुमति के वह शहर अर्थात लखनऊ नहीं छोड़ सकते। इससे पहले अमिताभ सोमवार दिन में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा धमकी देने की शिकायत लेकर नई दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय के दफ्तर पहुंचे और केंद्रीय बलों की सुरक्षा मांगी थी। साथ ही, अपने खिलाफ लखनऊ में दायर बलात्कार मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की।
आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अनंत कुमार सिंह से मिलकर अपनी मांगें रखीं। मुलाकात के बाद उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि यदि गृह मंत्रालय उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं करता है, तो वह इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह के खिलाफ धमकी देने की शिकायत दर्ज कराने के बाद उनके खिलाफ बलात्कार का झूठा मामला दर्ज किया गया। सपा सरकार के दौरान वह लखनऊ पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं कर सकते हैैं, इसलिए इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। इस संबंध में गृह मंत्रालय को राज्य सरकार को निर्देश देना चाहिए।
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