Women should not ignore themselves in this Corona time: Dr. Anushri Rawat
आगरालीक्स…कोरोनाकाल में महिलाएं खुद को न करें नजरअंदाज. मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में बता रही हैं आगरा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुश्री रावत
लड़कियों के मासिक धर्म आने की आयु 12 साल से 15 साल आयु के मध्य में कभी भी हो सकता है. मासिक धर्म का चक्र 28 दिनों का होता है लेकिन कुछ लड़कियों के मासिक धर्म चक्र अलग होते हैं. आमतौर पर प्रत्येक 21 से 35 दिनों बाद महिला को पीरियड हाता है जो 2 से 7 दिन तक रहता है. इसे सामान्य पीरियड कहा जाता है. शुरुआत के कुछ सालों तक मेंस्ट्रुअल साइकल लंबी होती है लेकिन उम्र बढ़ने पर छोटी और नियमित हो जाती है. इस दौरान हल्की या तेज ब्लीडिंग के साथ दर्द होता है, जो आमतौर पर सामान्य माना जाता है.
मासिक धर्म की समस्याएं
मेंस्रुअल टेंशन: मेंस्रूअल टेंशन को (पीएमटी) कहते हैं. जिसमें शरीर की शारीरिक व मानसिक और भावनाओं के लक्षण का एक समूह होता है. पीएमटी मासिक धर्म शुरू होने के दो हफ्ते पहले होता है. जैसे सूचन, चिड़चिड़ापन, पीठदर्द, सिर दर्द, स्तन वेदना, मुंहासे, भोजन की इच्छा, अत्यधिक थकान, अवसाद, चिंता, तनाव की भावनाएं, अनिद्रा, कब्ज, दस्त, पेट में हल्के ऐंठन आदि.
अत्यधिक मासिक धर्म आना: अत्यधिक मासिक धर्म होता है. व्यायाम में बदलाव व आहार में बदलाव करने से या कुछ दवाओं के उपयोग से होता है. योनि इन्फेक्शन, हाइपोथायरायडिज्म, फाइब्रॉएड, गर्भाश्य आंतरिक सूजन आदि है.
अगर महिला एक महीना या उससे अधिक समय तक मासिक धर्म का आभास न करे तो उसे माध्यमिक अमानोरिया कहते हैं. इसके कारण कुछ इस तरह हैं जैसे: जन्म नियंत्रण रोकना, स्तनपान, सूजन की बीमारी, गर्भावस्था, रजोनिवृति् आदि है.
कष्टदायक मासिक धर्म होना: कुछ महिलाओं को मासिक धर्म आने के पहले बहुत उल्टी व कमर में दर्द जैसी समस्या होने लगती है. गर्भ निरोधक बदलने से भी अनियमित मासिक धर्म होता है.
पीरियड अनियमित क्यूं होता है
- स्तनपान कराने
- अधिक वजन घटाने या अधिक एक्सरसाइज करने
- खानपान की खराब आदतों.
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज
- यूट्रेरिन फाइब्रॉयड
- एंडोमेट्रियोसिस
कब आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
हेल्दी पीरियड आमतोर पर अच्छे स्वास्थ्य का संकेत माना जाता है इसलिए हर महिला को अपने पीरियड पर नजर रखनी चाहिए. कई बार कम या अधिक उम्र में माहवारी की शुरुआत होना भी इसमें अनियमितता पैदा करता है. समय के साथ ये नियमित हो जाता है लेकिन ऐसा नहीं होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
खानपान नींद के शेड्यूल में बदलाव के कारण भी कई बार माहवारी देरी से आने की समस्या होती है. ऐसे में अपनी जीवनशैली और डाइट को व्यवस्थित रखना चाहिए. सुधार नहीं होने पर डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है.
अक्सर तनाव रहने के कारण भी अनियमित माहवारी की शिकायत होती है. इन स्थितियों में डॉक्टर से जरूर मिलें.
कोविड 19 के दौरान महिलाएं अपने लक्षणों को लेकर खामोश नहीं बैठें, अन्यथा आप बड़ी बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं. याद रखें आप परिवार को स्वस्थ तभी रख पाएंगी जब खुद स्वस्थ रहेंगी.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
डॉ. अनुश्री रावत
स्त्री रोग विशेषज्ञ
आगरा वुमन वेलनेस सेंटर
9826702138