
याकूब मेमन को पफांसी न देने की नई दया याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट बुधवार को रात में ढाई बजे खुला और बृहस्पतिवार सुबह 4 50 बजे कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। याकूब को जेल के पास धारा 144 लगा दी गई है। वहीं, मुंबई में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इस बीच, याकूब की पत्नी व बेटी बर है। उन्हें याकूब मेमन का शव सौंपने पर सुबह 8 15 पर पफैसला लिया जाएगा।
कल देर रात एक बार फिर से याकूब के वकीलों ने उसको बचाने के लिए एक नया दांव खेलते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। करीब तीन घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसको खारिज कर दिया। अटोर्नी जनरल ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याकूब की तरफ से हर बार याचिका में एक नया तथ्य लाया जा रहा है, यह सिर्फ मामले को लंबा खींचने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने इसको खारिज करने की अपील की जिसको कोर्ट ने मान लिया। इसके बाद कोर्ट का आदेश नागपुर जेल भेज दिया गया जहां याकूब को फांसी दे दी गई।
याकूब को फांसी देने के समय जेल सुपरीटेंडेंट, दो कांस्टेबल, डीआईजी, सीएमओ वहां मौजूद रहे। करीब डेढ़ मिनट के बाद याकूब को मृत घोषित कर दिया गया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा याकूब की खारिज किए जाने के बाद वकीलों ने उसे बचाने के लिए नया दांव खेलना शुरू कर दिया था। प्रशांत भूषण सहित कुछ अन्य वकील फांसी पर रोक लगाने के लिए मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू के घर पहुंचे।
याकूब का गुनाह
-मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए भाई टाइगर मेमन की मदद की थी।
-विस्फोटकों के लिए वाहन याकूब ने ही खरीदे थे।
-परिवार में पैसे के लेन-देन का हिसाब रखता था। इसी पैसे का धमाके में उपयोग हुआ।
-विस्फाटकों से भरे दो बैग याकूब ने ही अपने ड्राइवरों को दिए थे।
-धमाकों के तीन दिन पूर्व वह परिवार के अन्य सदस्यों के साथ फरार हो गया था।
परिजनों को मिलने की इजाजत
पिछले 10 में तीन को फांसी
-14 अगस्त 2004 : धनंजय चटर्जी को कोलकाता में रेप और हत्या के जुर्म में
-21 नवंबर 2012 : 26/ 11 मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को
-9 फरवरी 2013 : संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को
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