आगरालीक्स…भारतीय नारी सदैव से सशक्त रही है, लेकिन सामाजिक रूढ़ियों और सोच ने महिलाओं को अबला के रूप में पेश किया है..यूनिवर्सिटी में हुआ महिला दिवस पर सेमिनार
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पालीवाल पार्क कैंपस स्थित जुबली सभागार में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समाज विज्ञान संस्थान द्वारा एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय महिला सशक्तिकरणः उभरती चुनौतियां व संभावनाएं था। इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशुरानी ने की। मुख्य अतिथि उप्र राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित थीं। वक्ता के रूप में आगरा कमिश्नरी की एंटी रोमियो टीम की प्रभारी रंजना गुप्ता और सेंट जोंस कॉलेज की राजनीति विभागाध्यक्ष विन्नी जैन उपस्थित रहीं।
कुलपति प्रो. आशुरानी ने कहा की भारतीय नारी सदैव से सशक्त रही है। वेदों से लेकर हमारे इतिहास में महिलाओं को स्वर्णिम इतिहास दर्ज है, लेकिन सामाजिक रूढ़ियों और सोच ने महिलाओं को निरीह, अबला, कमजोर और दुर्बल रूप में प्रस्तुत किया गया। महिलाएं सोच लें, तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं, उनकी पहुंच से कोई भी क्षेत्र दूर नहीं। महिलाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है। फिर भी महिला सशक्तिकरण की बात उठती है क्योंकि कहीं न कहीं सोच में यह बात फंसी है। फिनलैंड हैंप्पीनेस इंडेक्स में सबसे आगे है क्योंकि वहां सबके बारे में सोचते हैं। महिला सशक्तिकरण भी तभी होगा, जब हम दूसरों के बारे में भी सोंचेंगे। समस्या वहां है जहां हम सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। जैसा व्यवहार आप अपनी बहन, मां और बेटी के लिए चाहते हैं, वैसा ही यदि आप अन्य महिलाओं को भी उसी दृष्टि देखना है, जैसा आप उन्हें देखते हैं और उनके साथ वैसा ही व्यवहार भी करना है, इस तरह यह तो समस्या खत्म हो जाएगी।
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एंटी रोमियो दल की प्रभारी रंजना गुप्ता ने बताया अपने जीवन के अनुभव बताएं कि मैं पांच भाईयों और तीन बहनों में सातवें नंबर की थी। सामान्य था घर में भाईयों को बेहतर परवरिश और पढ़ाई मिली। हम बहनों को पढ़ने के लिए जूझना पड़ा। लेकिन आज हम तीनों बहनें सरकारी नौकरी में हैं, जबकि पिता और भाईयों की पहचान हमारे नाम से है। जब मैंने पुलिस के बैच में टाप किया, तो मीडिया पिता जी के पास पहुंचीं और पूछा कि आपको कैसा लगा, तो पिताजी कुछ बोल नहीं पाए थे। उन्होंने माना कि समाज के कारण हम अक्सर बेटियों को कमतर आंकते हैं, लेकिन यह उनके साथ अन्याय है। साथ ही उन्होंने एंटी रोमियो दल के नंबर 8077697831, महिला हेल्पलाइन 1090, 1091 और 01123219750 के साथ चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 और डायल 112 के बारे में विस्तार से बताया।
प्रदेश राज्य आयोग सदस्य़ निर्मला दीक्षित व विन्नी जैन ने भी महिलाओं और युवतियों को अपनी शक्ति पहचानने के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों ने विषय पर अपने विचार रखे। इस दौरान डीएसडब्लू मो. अरशद, वुमैन सैल प्रभारी प्रो. विनीता सिंह, संस्थान निदेशक मीनाक्षी श्रीवास्तव, कार्यक्रम संयोजक दीपमाला श्रीवास्तव, प्रो. रणवीर सिंह, प्रो आरके भारती, डॉ राजेश कुशवाहा, डॉ मनोज राठौर, रंजना गुप्ता, डॉ सौम्या, अंबिका आदि मौजूद रहीं। संचालन डॉ प्रियंका ने किया। लगभग 100 छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही ।