Agra Metro Update : CM Yogi saw Agra Metro Progress on 26th July 2023 #agra
आगरालीक्स ….आगरा में कल सीएम योगी मेट्रो के कार्यों का निरीक्षण करेंगे, ट्रायल में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ चुकी है मेट्रो, जानें कब से आगरा मेट्रो में कर सकेंगे यात्रा।
पहले कॉरीडोर में ताजमहल पूर्वी गेट से सिकंदरा तक आगरा मेट्रो का ट्रैक तैयार किया जा रहा है। पहले ताजमहल पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक आगरा मेट्रो के ट्रैक का काम चल रहा है। तीन किलोमीटर का ट्रैक तैयार हो चुका है। ट्रैक पर 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से मेट्रो दौड़ चुकी है। वहीं, आगरा किला से जामा मस्जिद से अंडरग्राउंड मेट्रो का ट्रैक तैयार किया जा रहा है।
सीएम योगी करेंगे निरीक्षण, देखेंगे मेट्रो के कार्य
सीएम योगी आदित्यनाथ कल 26 जुलाई को आगरा आएंगे, वे रात सात बजे आगरा मेट्रो का निरीक्षण करेंगे, आगरा मेट्रो के कार्यों को देखेंगे, निर्धारित कार्यक्रम के तहत वे 30 मिनट तक आगरा मेट्रो का निरीक्षण करेंगे।
छह किलोमीटर ट्रैक पर जनवरी 2024 से दौड़ेगी मेट्रो
आगरा मेट्रो के पहले कॉरिडोर में छह किलोमीटर का ट्रैक तैयार किया जा रहा है। ताजमहल पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक ट्रैक तैयार होगा। इस छह किलोमीटर के ट्रैक पर जनवरी 2024 से मेट्रो दौड़ने लगेगी, मेट्रो में लोग यात्रा कर सकेंगे।
आगरा मेट्रो में होंगी ये दस विशेषताएं
आगरा की मेट्रो ट्रेनों में एक बार में 974 यात्री सफर कर सकेंगे। साथ ही ट्रेनों की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटा तक होगी।
आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं।
प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, इससे घटना का बचाव करने में सहायता मिलेगी। इनकी फुटेज ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगी।
प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे। मेट्रो ट्रेनों में टाक बैक बटन की सुविधा भी दी गई है, जिससे इमरजेंसी कंडीशन में यात्री ट्रेन आपरेटर से बात कर सकें।
आटोमेटिक ट्रेन आपरेशन के तहत ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।
वायु प्रदूषण कम करने को ट्रेनों में मार्डन प्रापल्सन सिस्टम होगा। सभी ट्रेनों को रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस किया गया है, ताकि ब्रेक लगाए जाने से उत्सर्जित 45 फीसद ऊर्जा को फिर से इस्तेमाल किया जा सके।
ट्रेनों में कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
मेट्रो का बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई दे इसके लिए मेट्रो ट्रेनें तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, ताकि इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता न पड़े।