Agra News: Krishna’s childhood pastimes described in Srimad Bhagwat Katha…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में नटखट कृष्णा को देखकर इतराईं यशोदा मैया. श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं ने मोहा मन…
यशोदा मैया का दुलार और कुन्हैया की शरारतें। गोपियों का प्रेम से परिपूर्ण उलाहना और महादेव का श्रीहरि के दर्शन को गोकुल आना। कन्हैया की बाल लीलाओं की कथा सुन सभी श्रद्धालू भक्ति के सरोबर में ऐसे डूबे मानों गोकुल और वृन्दावन धाम पहुंच गए। श्रहरि सत्संग समिति द्वारा विजय नगर स्थित स्पोर्टबज में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पूज्य श्री मृदुल कान्त शास्त्री ने आज कन्हैया की बाल लीलाओं का वर्णन किया।
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कन्हैया से क्वरूप की व्याख्या करते हुए कहा कि सबी भगवानों में सिर्फ कन्हैया हैं, जिनके हाथ में कोई शस्त्र नहीं बल्कि मुस्कान भरे अधरों पर बासुरी विराजती है। जिसके बेफिक्र चेहरे पर मस्ती है। कन्हैया ने ब्रज में कबी शस्त्र नहीं उठाया, परन्तु जरूरत पड़ने पर श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में शस्त्र दारण किया। बांसुरी बजाता कृष्ण कन्हैया, मुरलीधारी वृन्दावन विहारी कन्हैया का माधुर्य स्वरूप है। जबकि द्वारिका में श्रीकृष्ण एश्वर्य स्वरूप हैं। माधुर्य में द्विभुज कन्हैया और एश्वर्य में चतुर्भुज नारायण हैं। माधुर्य स्वरूप में समीपता है, जहां श्रहरि ने भक्तों का झूठा भी खाया, उलाहना भी सुनी, साथ में रास भी रचाया। इसलिए ब्रज की कथा अच्छी लगती है, क्योंकि वहां माधुर्य है। भगवान को अपनी शक्ति से नहीं बल्कि सिर्फ प्रेम और बाव से बांदा जा सकता है। मैया तेरे द्वार एक बाला जोगी आया, दर्शन अलख जगाया…, दे दो दर्शन यशोदा रानी कि जोगी तेरे दर पे खड़ा…, घर-घर जावे और माखन चुरावे, तू समझे गयो गैया चराने, बड़े नटखट है तेरो लाल यशोदा इसको सम्भाल… जैसे भजन पर हर श्रद्धालु श्रीहरि की भक्ति में झूमता नजर आया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से राज्य मंत्री राकेश गर्ग, अध्यक्ष शांति स्वरूप गोयल, महामंत्री उमेश बंसल, संयोजक संजय गोयल, संजय मित्तल, भगवानदास बंसल, अनिल अग्रवाल, जितेन्द्र बंसल, उमेश कंसल, राकेश शरद, प्रमोद ग्रवाल, अंशु अग्रवाल, मधु गोयल, शशि बंसल, मीनू त्यागी आदि उपस्थित थीं।
कपड़े, मोबाइल की मत नहीं व्यक्तित्व देखकर करें व्यक्ति का आंकलन
कथा व्यास पूज्य श्री मृदुल कान्त शास्त्री ने कहा कि आजकल व्यक्ति के चरित्र और व्यक्तित्व देखकर नहीं बल्कि हाथ में महंगा मोबाइल, कपड़े और लम्बी गाड़ी देखकर उसका आंकलन किया जाता है। भले ही यह धन वैभव गलत तरीके से कमाया गया हो। यदि देश और समाज को सही दिशा देनी है तो जीवन में सही लोगों का सम्मान और चयन करना सीखें।