आगरालीक्स.. आगरा के डॉ नरेंद्र मल्होत्रा और डॉ जयदीप मल्होत्रा के नाम बड़ी उपलब्धि जुड़ी है। रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक डा. नरेंद्र मल्होत्रा को वर्ल्ड एसोसिएशन आॅफ पेरिनेटल मेडिसिन (डब्ल्यूएपीएम ) का वाइस प्रेसीडेंट और इंडियन सोसाइटी आॅफ प्री-नेटोलॉजी डायग्नोसिस एंड थैरेपी (आईएसपीएटी) का प्रेसीडेंट बनाया गया है। 26 से 29 अक्टूबर तक सर्बिया, बेलग्रेड के सावा सेंटर में 13 वीं वर्ल्ड कांग्रेस आॅफ पेरिनेटल मेडिसिन में डा. मल्होत्रा ने इन महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी ग्रहण की। सम्मेलन में रेनबो आईवीएफ की निदेशक डा. जयदीप मल्होत्रा को साल 2018 के लिए आईएसपीएटी का अध्यक्ष चुना गया।
डा. नरेंद्र मल्होत्रा और डा. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि प्रसवोत्तर देखभाल की गुणवत्ता और प्रावधान में सुधार करके महिलाओं, माताओं और शिशु के लिए शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के उच्च स्तर को प्राप्त करने और प्रसवकालीन औषधियों के सभी पहलुओं पर अध्ययन, अनुसंधान और ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डब्ल्यूसीपीएम हर दो साल में एक बार आयोजित की जाती है। दूसरी वर्ल्ड कांग्रेस आगरा में आयोजित हुई थी। इस साल यह सर्बिया, बेलग्रेड में आयोजित हुई, जिसमें दुनिया भर के जन्मजात, नवजात, प्रसूति, बाल चिकित्सा, जन्मजात विकृति, बाल शल्य चिकित्सा, बाल ह्दय रोग और आनुवांशिकी आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इंडियन सोसाइटी आॅफ प्री-नेटोलॉजी डायग्नोसिस एंड थैरेपी (इस्पात) के सत्र में आगरा के डा. सुषमा गुप्ता और डा. अनुपम गुप्ता के साथ ही 18 अन्य भारतीय चिकित्सकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। भारत के डा. नवल शाह को यंग रिसर्चर अवार्ड दिया गया। सम्मेलन में गर्भवती, भ्रूण और नवजात रोगियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल घोषणा पत्र जारी किया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि एक महिला के लिए यह बेहद खुशी का समय होता है जब वह नौ माह के लिए अपने गर्भ में भ्रूण धारण करती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं और उनके शिशु दोनों को ही स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है। इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता गुणवत्तापरक सेवाएं प्रदान करें और महिला एवं उनके गर्भ में पल रहे शिशु को अपनी निगरानी में रखें। सम्मेलन में दुनिया भर के स्वास्थ्य संस्थानों में प्रदान की जा रही सेवाओं में पारदर्शिता लाने, गुणवत्ता सुधार, मरीजों और डॉक्टरों के बीच विश्वास बढ़ाने, नैतिक दायित्वों को समझने, कानूनी पहलुओं पर जोर देने समेत विभिन्न पहलुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए गए।

ये उपलब्धियां भी हैं चिकित्सक दंपति के नाम
प्रो. जयदीप मल्होत्रा एक ख्याति प्राप्त स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं आईवीएफ वैज्ञानिक हैं। वह साल 2018 के लिए फेडरेशन आॅफ आॅसटेट्रिक एंड गायनिकोलॉजिकल सोसाइटीज आॅफ इंडिया (फोग्सी) की अध्यक्ष चुनी गई हैं। 18 जनवरी 2018 को भुवनेश्वर में आयोजित एक समारोह में अध्यक्ष पद पर कार्यभार ग्रहण करेंगी। उनके चिकित्सक पति वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. नरेंद्र मल्होत्रा साल 2008 में फोग्सी के अध्यक्ष पद पर आसीन रहे हैं। डा. जयदीप मल्होत्रा और डा. नरेंद्र मल्होत्रा दुनिया के पहले दंपति हैं जो किसी एक ही प्रोफेशनल संगठन के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए, साथ ही जिन्हें यूके के रॉयल कॉलेज की मानद उपाधि से सुशोभित किया गया है। डा. जयदीप मल्होत्रा एक अग्रणी आईवीएफ विशेषज्ञ हैं जो आगरा में काम कर रही हैं और भारत के साथ ही नेपाल और बांग्लादेश के आईवीएफ के 18 केंद्रों को प्राविधिक सहायता प्रदान करती हैं। डा. जयदीप के प्रयासों से अब तक आईवीएफ पद्धति के जरिए 5000 से अधिक बच्चों का जन्म कराया जा चुका है। उत्तर प्रदेश और नेपाल में आईवीएफ से पहले शिशु का जन्म कराने का कीर्तिमान भी उनके नाम है।