ट्रायल के बाद धौनी ने लगाई छलांग
आर्मी के कई जवानों ने 1200 फीट ऊपर से भी छलांग लगाई। एएन-32 आर्मी का कार्गो एयरक्राफ्ट है। एयरक्राफ्ट का डायरेक्शन बदला गया, इसके बाद धौनी ने नए पैराशूट से जंपिंग की।
इस तरह धौनी ने लगाई छलांग
बुधवार सुबह पौने सात बजे एयरफोर्स के दो कार्गो एयरकाफ्ट्स एएन-32 ने एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी। एयरक्राफ्ट ने हवा की रफ्तार चेक की। इसके बाद दूसरा एयरक्राफ्ट 1250 फीट की ऊंचाई पर आया। इसमें धोनी और उनके बैचमेट थे। लेकिन तभी हवा की रफ्तार तेज हो गई। 15 मिनट तक यह एयरक्राफ्ट चक्कर काटता रहा। सुबह 7.08 बजे विमान एएन-32 से एयरफोर्स के एक जवान ने छलांग लगाई। यह छलांग इसलिए थी कि पता लग सके कि पैराशूट हवा के दबाव में कितनी दूर जाकर गिरता है। पहला जवान ड्रॉपिंग ग्राउंड के बॉर्डर के पास गिरा। इसके बाद एक अन्य जवान ने इसी तरह का ट्रायल किया। वह भी ड्रॉपिंग ग्राउंड से बाहर जाकर उतरा। इससे एयरफोर्स के अधिकारियों ने अंदाजा लगा लिया कि विमान को किस जगह से गुजारने पर जवान ग्राउंड के बीच में उतर सकेंगे। इसके बाद धौनी ने छलांग लगाई, उन्होंने अपने बैच को लीड किया। करते हुए छलांग लगाई। वे स्टैटिक लाइन पैराशूट पहने हुए थे, यह पैराशूट एक सूत के धागे से लॉक रहता है। विमान से छलांग लगाते ही हवा के दबाव से पैराशूट का धागा टूट गया और पैराशूट खुल गया। धोनी धीरे-धीरे नीचे आ गए। नीचे से पहले ही एयरफोर्स और आर्मी के जवान मौजूद थे।
बच्चों से मिले धोनी
यहां से कुछ दूरी पर स्कूल बच्चे भी साइकिल से गुजर रहे थे। वे धोनी को अपने सामने देखकर रुक गए। धोनी ने बच्चों से हाथ मिलाया। इसके बाद धोनी लाल बत्ती लगी एक जिप्सी में बैठ गए। जिप्सी में काले रंग के शीशे लगे थे। धोनी हाथ हिलाते हुए लोगों के बीच से निकले। इसके बाद धोनी की जिप्सी सीधे एयरफोर्स स्टेशन की ओर निकल गई। धोनी गुरुवार को भी पैराजंपिंग करेंगे। दिन में कुल चार और रात में एक छलांग लगाने के बाद उन्हें पैरा ट्रूपर का दर्जा मिलेगा।
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