गौरतलब है कि आगरा में 24 नवंबर को सराफा कमेटी के महामंत्री धन कुमार जैन को उनके घर के बाहर बदमाशों ने गोली मार दी थी। पुलिस ने इस मामले में दो अभियुक्तों को पकड़ लिया था। एसपी सिटी ने बताया था कि धन कुमार जैन को एटा जेल में बंद बिल्लू वर्मा के भाई मोनू वर्मा ने गोली मारने के लिए सुपारी दी थी। मोती कटरा निवासी हिस्ट्रीशीटर मोहित जैन ने रैकी की थी। इस मामले में पुलिस ने योगेश गौतम पुत्र पन्नालाल गौतम निवासी निर्मल अपार्टमेंट के सामने खंदारी और थाना हरिपर्वत और प्रमोद पुत्र देवी सिंह निवासी केके नगर शिवकुंज थाना सिकन्दरा पकड लिया था। लेकिन गुरुवार को पुलिस ने मामले का नया खुलासा करते हुए बताया कि कारोबारी को रवि टमाटर गैंग ने गोली मारी थी और उन्हें मारने के लिए धन कुमार के रिश्तेदार और नौकर ने हत्या करने के लिए सुपारी दी थी। पुलिस ने रवि टमाटर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। एक ही मामले के दो बार खुलासा करने पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिलहाल सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि अगर वारदात का आरोपी रवि टमाटर गैंग है तो पुलिस ने विगत दिनों जिन दो लोगों को, योगेश गौतम और प्रमोद को पकड़ा था, क्या वह कार्रवाई फर्जी थी?