Sharad Purnima on October 9, happiness and prosperity is achieved by worshiping Maa Mahalakshmi, know the auspicious time
आगरालीक्स… शरद पूर्णिमा को जागिरीव्रत का महत्व है। इस दिन देवता भी धरती पर आते हैं। मां महालक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि। शुभ मुहूर्त व विविध जानकारियां।
शरद पूर्णिमा पर देवता भी आते हैं धरती पर
![](https://agraleaks.com/wp-content/uploads/2022/02/hirtya-ranjan.jpg)
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भण्डार के अध्यक्ष एवं स्वामी ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदय रंजन शर्मा शरद पूर्णिमा का महत्व बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि इस दौरान धरती का माहौल काफी खुशनुमा होता है। इस दिन देवता भी धरती पर आते हैं । लक्ष्मी पूजा व कोजागिरी मनाई जाती हैं।
खीर, मिठाई,मखाने का विशेष महत्व, रोग होते हैं दूर
इस पर्व में गाय का दूध, मिठाई और मखाने का विशेष महत्व माना जाता है, इन सबकों मिलाकर चंद्रमा के प्रकाश में खीर बनाई जाती है जिसके सेवन से अनेक रोग दूर हो जाती हैं।
मां लक्ष्मी की कृपा से नवविवाहितों का सुखमय जीवन
इस दिन नवविवाहितों के सुखमय जीवन, मां लक्ष्मी की कृपा, धन धान्य एवं सुख समृद्धि से परिपूर्णता की कामना के साथ कोजागिरी पर्व मनाया जाता है । देश के अधिकांश जगहों पर सुख-समृद्धि की देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है
🏵 कोजागिरी पूजा का शुभ मुहूर्त
🍁 पूर्णिमा तिथि का आरंभ -08 /09 अक्टूबर रविवार की सुबह 03:41 बजे से होगा
🍁पूर्णिमा तिथि का समापन 09/10अक्टूबर रविवार की रात 02बजकर 24 मिनट पर हो रहा है अत:शरदपूर्णिमा, कोजागरी वृत,रास पूर्णिमा,खीरभोग अर्पण 09अक्टूबर2022दिन रविवार को ही करना शास्त्र सम्मत और सही भी होगा 09 अक्टूबर 2022 रविवार को कार्तिक स्नान पूर्णिमा और भगवान वाल्मीकि जयंती भी मान्य होगी।
महालक्ष्मी और महाकाली की पूजा रात्रि में
🌷रात में होती है महालक्ष्मी और महाकाली की पूजा। इस दिन महालक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थपित कर रात में जागरण कर महालक्ष्मी की पूजा करने का विधान है । इस दिन व्रत रखने वालों को संध्या के समय गणपति और माता लक्ष्मी की पूजा करके अन्न ग्रहण करना चाहिए।
कमल पर विराजमान होकर आती हैं माता महालक्ष्मी
🌻 इस रात के अनुपम सौंदर्य की महत्ता इसलिए भी है क्योंकि इस रात माता महालक्ष्मी जो सम्पूर्ण जगत की अधिष्ठात्री हैं, इस रात कमल आसन पर विराजमान होकर धरती पर आती हैं ।