Very rare combination of planets this time on Navratri, the paths of happiness and prosperity will open for many zodiac signs
आगरालीक्स… नवरात्र पर इस बार ग्रहों का अत्यंत दुर्लभ संयोग बन रहा है इससे कई राशियों के लिए खुशहाली, सुख-समृद्धि, उन्नति के रास्ते खुलेंगे। जानिये विविध जानकारी।
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा बताते हैं कि शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से 04 अक्टूबर तक है, इनकी प्रमुख तिथियां हैं
🌻 नवरात्र दिन (प्रतिपदा) घटस्थापना : मां शैलपुत्री पूजा 26 सितंबर (सोमवार)
🍁 नवरात्र दिन (द्वितीया) मां ब्रह्मचारिणी पूजा,27 सितंबर (मंगलवार)
🌸 नवरात्र दिन (तृतीया) मां चंद्रघंटा पूजा, 28 सितंबर (बुधवार)
🏵 नवरात्र दिन 4 (चतुर्थी)मां कूष्मांडा पूजा, 29 सितंबर 2022 (गुरुवार)
🌟 नवरात्र दिन 5 (पंचमी)मां स्कंदमाता पूजा,30 सितंबर 2022 (शुक्रवार)
🌹 नवरात्र दिन 6 (षष्ठी)मां कात्यायनी पूजा, 01 अक्टूबर 2022 (शनिवार)
🌲 नवरात्र दिन 7 (सप्तमी)मां कालरात्रि पूजा, 02 अक्टूबर 2022 (रविवार)
🌷 नवरात्र दिन 8 (अष्टमी)मां महागौरी, दुर्गा महा अष्टमी पूजा, 03 अक्टूबर 2022, (सोमवार)
🔥 नवरात्र दिन 9 (नवमी)मां सिद्धिदात्री,महानवमी , नवरात्रि पारणा 04 अक्टूबर 2022, (मंगलवार)
💥नवरात्र दिन 10 (दशमी)दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी 05 अक्टूबर 2022, (बुधवार)
शानदार गोचर में भक्तों की मनोकामना पूरी करेंगी मां
26 सितंबर को घरों में की जाएगी घट स्थापना, दुर्गा पूजा काल में सूर्य व चंद्रमा दोनों ही साथ ही इस बार ग्रहों का अत्यंत दुर्लभ संयोग भी बन रहा है इस बार कन्या राशि में सूर्य, बुध और शुक्र का अति उत्तम संयोग बन रहा है इस बार मकर राशि में स्वग्रही शनिदेव होंगे मीन राशि में स्वग्रही देवगुरू बृहस्पति रहेंगे इस वर्ष बहुत शानदार गोचर कहलाई जाएगी जिसके कारण से इस बार जो भक्त माता रानी की मन से पूजा करेंगे उन्हें हर प्रकार की खुशहाली सुख समृद्धि उन्नति प्राप्त होगी।
पूरे नौ दिन के हैं इस बार शारदीय नवरात्र
🌻 भारतीय पंचांगो के अनुसार इस साल 2022में सोमवार के दिन 26 सितंबर को शारदीय नवरात्र के लिए घट स्थापना की जाएगी।परन्तु इस बार एक नवदुर्गा इस बार पूरे 9 दिन के नवदुर्गा रहेंगे सोमवार 26 सितंबर दिन से मां दुर्गा की अलग-अलग स्वरूप में पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद 05 अक्टूबर को प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा परंतु इस बार की शरद नवरात्रि पूरे 09 दिन के ही मान्य रहेंगे
🌸घट स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त
🍁 दोपहर 12:11 से सांय 4:10के बीच में चार विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध होंगे इसी समय में अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा जो इस दिन का सर्वोत्तम घट स्थापना का मुहूर्त कहा जाएगा
🌷पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी व नौवें दिन सिद्धिदात्री स्वरूप है
कैसे करें कलश स्थापना? जानें शुभ मुहूर्त और नियम
💥नवरात्र त्योहार का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. ये त्योहार देश के कोने-कोने में मनाया जाता है. इस पर्व में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान लोग 9 दिनों तक उपवास भी रखते हैं. नवरात्रि में नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना की जाती है. आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े कुछ नियम
🌷विश्वप्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार (घट)कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
🌺शरद नवरात्र सोमवार, 26 सितंबर 2022 से शुरू होंगी और इसी दिन घट (कलश )की स्थापना की जाएगी. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए कलश की स्थापना हमेशा उचित मुहूर्त में ही करनी चाहिए. इस बार नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह07 बजकर 45 मिनट तक “अमृत” का विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध रहेगा इस मुहूर्त में नौकरी पेशा लोगों के लिए यह घट स्थापना हेतु उत्तम शुभ मुहूर्त माना जाएगा इस मुहूर्तो में घट स्थापना करने से व्यक्ति को हर प्रकार की सुख समृद्धि एवं स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होंगे इसके अतिरिक्त दिवाकाल (सुबह) में 09:12 से सुबह 10:41तक शुभ का विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त भी उपलब्ध होगा यह बहुत अच्छा समय होगा इसमें पढ़ने वाले बच्चे पूजा करके लाभ उठा सकते हैं, इसके बाद दोपहर 12:11 से शाम 4:15 तक उद्देग, चर, लाभ और अमृत के चार अत्यंत शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध होंगे जिसमें व्यापारी लोग रोजगार करने वाले व्यक्ति पूजा करके लाभ उठा सकते हैं और जिन कन्याओं की विवाह शादी में कोई अड़चन या रुकावट आरही है वह भी इससमय मै पूजा करके लाभ उठा सकते हैं इसमें व्यापारी ,कल कारखाने शिक्षा क्षेत्र से लगे लोग एवं ग्रहस्थ व्यक्तियों के लिए घट स्थापना का अति उत्तम शुभ मुहूर्त है इस समय में घट स्थापना करने से पूजा पाठ करने से हर प्रकार की खुशहाली सुख समृद्धि व्यक्तियों को प्राप्त होगी
🔥नवरात्र में ऐसे करें कलश स्थापना
🌹नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी मां की आराधना करने से मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. घट स्थापना का मतलब है कलश की स्थापना करना
🌸कलश स्थापना करते समय नदी की रेत का उपयोग करें. इस रेत में जौ भी डालें. इसके बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें. फिर ‘ॐ भूम्यै नमः’ कहते हुए कलश को सात अनाजों के साथ रेत के ऊपर स्थापित करें. कलश की जगह पर नौ दिन तक अखंड दीप जलते रहना चाहिए
🏵कलश स्थापना से जुड़े खास नियम
☘कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करें
🌻कलश स्थापना करने के लिए पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें
🍁कलश का मुंह खुला ना रखें, उसे किसी चीज से ढक देना चाहिए. कलश को किसी ढक्कन से ढका है, तो उसे चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखें
♦अगर कलश की स्थापना कर रहे हैं, तो दोनों समय मंत्रों का जाप करें, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए
⭐पूजा करने के बाद मां को दोनों समय भोग लगाएं, सबसे सरल और उत्तम भोग हैं लौंग और बताशा
🔥मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है, पर मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिल्कुल ना चढ़ाएं
🌹नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन तक अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें।