Tuesday , 4 February 2025
Home आगरा Agra News: Saint Vijay Kaushal Maharaj narrated the story of Shri Ram’s birth in the ongoing story in Agra…#agranews
आगरा

Agra News: Saint Vijay Kaushal Maharaj narrated the story of Shri Ram’s birth in the ongoing story in Agra…#agranews

आगरालीक्स….प्रकट भए चारों भईया, अवधपुर बाजे बधईया…आगरा में चल रही श्रीराम कथा में धूमधाम से मनाया प्राकट्य उत्सव. संत विजय कौशल महाराज ने सुनाई कथा…

शंखनाद और जयश्रीराम के उद्घोष के साथ ढोलक मंजीरों की भक्तिमय स्वरलहरियों पर गूंजती बधाईयां। गुब्बारों और पुष्पों से सजे कथा स्थल में श्रीराम के जन्म के उत्सव में झूमते गाते हजारों श्रद्धालु। मानों सीता धाम (कोठी मीना बाजार) अयोध्या धाम बन गया। जहां हर तरफ सिर्फ भक्ति के रंग बिखरे थे। उपहार के रूप में लुटाए गए खेल खिलौनों और टॉफियों को भक्तों ने माथे से लगाकर प्रसाद रूप में अपने-अपने पल्लू से बांध लिया। मंगलमय परिवार द्वारा सीता धाम में आयोजित श्रीराम कथा में आज संतश्री विजय कौशल जी महाराज ने श्रीराम जन्म की कथा का वर्णन किया।

संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने कहा नौमी तिथि मधुमास पुनीता…. चौपाई के माध्यम से श्रीराम के प्रापट्य की कथा का भावमयी वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम के प्राकट्य होते ही देवता आकाश से पुष्प बरसाने लगे, अयोध्या में हर तरफ खुशियां छा गई। शिव जी भी दर्शन करने पहुंचे। दोपहर 12 बजे सूर्यकुल में भगवान का प्राकट्य होने पर दर्शन की लालसा में सूर्यदेव अपने रथ के साथ एक माह तक अयोध्या में ठहरे रहे। इस बात पर रूखे चंद्रमा को नारायण ने द्वापर में रात बजे और चंद्र कुल में जन्म लेने की वचन दिया। श्रंगी ऋषि वशिष्ठ बुलावा, पुत्र काम शुभ यज्ञ करावा चौपाई के माध्यम से कहा कि यज्ञ भी शुभ और अशुभ दो प्रकार के होते हैं। अपने कल्याण के साथ लोग दूसरे के शुभ के लिए भी यज्ञ करते हैं। राम-रावण के युद्ध के समय रावण ने शुभ यक्ष कराया था। श्रंगी ऋषि के गमन के साथ ही योध्या में मंगल शकुन होने लगे। कथा विराम के उपरान्त आरती कर सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मंगलमय परिवार के महामंत्री राकेश अग्रवाल, ध्यक्ष धनश्यामदास ग्रवाल, महेश गोयल, महावीर मंगल, मुख्य यजमान सलिल गोयल, कमलनयन फतेहपुरिया, हरिमोहन मित्तल, विनोद गोयल, मुकेश गोयल, अशोक गर्ग, पीके भाई, रूपकिशोर ग्रवाल, दीप सिंघल, दिलीप अग्रवाल, विजय गोयल, शिवशंकर, जितेन्द्र गोयल, विजय बंसल, महेश गोयल, अजय अग्रवाल, रवि मेघदूत, हेमन्त भोजवानी, गौरव बंसल, रुपकिशोर ग्रवाल, संजय गोयल आदि उपस्थित थे।

भगवान को खोजा नहीं पुकारा जाता है…
श्रीहरि के भक्त र्जुन, प्रह्लाद, ध्रुव, नरसी, द्रोपदी आदि की कथा के माध्यम से बताया कि भगवान के कोजा नहीं पुकारा जाता है। महाबारत के युद्ध का निर्णय तभी हो गया था जब अर्जुन ने मारायणी सेना को छोड़ नारायण को चुना था। अर्जुन युद्ध हारने को तैयार थे लेकिन नारायण को हारने को नहीं। करहु सदा तिनके रखवारी, जिनि बालक रखिए महतारी… की व्याख्या करते हुए कहा कि अपने भक्तों की रखवाली भगवान एक महतारी की तरह करते हैं। महतारी का अर्थ है जो अपने संतान की मल मूत्र तक को साफ करे। सारायण के समक्ष समर्ण को तो कोई चिन्ता की बात नहीं रह जाती।

जैसी भूमि वैसी फसल होगी
वेद की श्रुतिया आज तक जिनके आचरण को गाती चली आ रही है, ऐसे महाराज मनु व सतरूका की कथा के माध्यम से कहा कि दाम्पत्य जीवन शुचिता, पवित्रता और मर्या से भरा होगा तभी संतान अच्छी और मन के अनकूल होगी। परन्तु आजकल दाम्पत्य जीवन श्रेष्ठ नहीं इसलिए मनचाही के स्थान व अनचाही संतान आ रही है। जैसी भूमि वैसी ही फसल होगी। सद्गुण और सद्विचार मुश्किल से और कम उम्र के लिए और दुर्गुण व दुर्विचार बहुत जल्दी और अधिक म्र के लिए आते हैं। जब बेटा और बेटी के घरों में संताने हो जाएं तो व्यक्ति को दखअंदाजी चोड़कर सलाहकार बन जाना चाहिए। तीर्थ में घर बनाने के स्थान पर घर को ही तीर्थ और स्वर्ग बनाने का प्रयास करें। भजन के साथ आचरण का पालन भी आवश्यक है।

रामायण की हर चौपाई है राम मंत्र
रामायण को भाव के साथ सुनना और मन से गाना चाहिए। हर चौपाई राम मंत्र है। 20-25 चौपाईयों को छोड़कर हर चौपाई में र और म शब्द है। र के रूप में राम और म के रूप में मां है। कथा समाधि की क्रिया है। एहि कलि काल न साधन दूजा, योग, यज्ञ, जप, तप व्रत दूजा, रामहि सुमरिए गाइये रामहि संतत सुनि राम गुण गावहि… चौपाई के माध्यम के बताया कि कलयुग में भगवान की लीलाओं के दर्शन करने का इससे सुन्दर मार्ग और कोई नहीं। समाधि का अर्थ है आप शरीर रूप में पण्डाल में बैठे हैं, लेकिन मन वहां है जहां का प्रसंग चल रहा है। यही समाधि है। विश्व मोहिनी से विवाह करने की इच्छा के कारण नारद जी द्वारा नारायण से उनका रूप मांगने कथा का वर्णन करते हुए कहा कि काम की चार गति हैं। आंखों के माध्यम से काम प्रवेश करता है, फिर मन में और बुद्धि में जाता है। और फिर द्रियों द्वारा प्रकट होने लगता है। लेकिन नारद जी में काम और क्रोध दोनों प्रबल हुए। क्रोध में भगवान को ही श्राप दे दिया। नादर जी बच गए क्योंकि वह कामोत्तेजना समय और क्रोध दोनों समय भगवान के ही पास गए। भगवान का नियम है यदि भक्त अपना शुभ और अशुभ दोनों भगवान को अर्पित करेंगे तो हर परिस्थिति में वह भक्त की रक्षा करेंगे।

Written by
admin

Agra and Aligarh region news portal

Related Articles

आगरा

Agra News: 650 students together took oath for cancer awareness in Agra Public School…#agranews

आगरालीक्स…आगरा में कैंसर को लेकर किया गया जागरूक. आगरा पब्लिक स्कूल में...

आगरा

Obituaries of Agra on 4th February 2025 #Agra

आगरालीक्स … आगरा में आज 4 फरवरी को 2024 को उठावनी, शवयात्रा...

आगरा

Speeding bike collides with divider, father dies, son injured

आगरालीक्स…आगरा के रहने वाले पिता—पुत्र का फिरोजाबाद में एक्सीडेंट.पिता की मौत, बेटा...

आगरा

Agra News: Inauguration of Agra’s newly constructed model police post Balkeshwar

आगरालीक्स…आगरा की नवनिर्मित आदर्श पुलिस चौकी बल्केश्वर का लोकार्पण. लघु उद्योग भारती...