आगरा के खेरागढ उंटगिरि में 30 सितंबर 2015 को प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय और आंगनबाडी केंद्र में सुबह नौ बजे बच्चों को मिड डे मील में एक एक चमचा दूध दिया गया। दूध कडवा होने पर कुछ बच्चों ने मना किया तो शिक्षकों ने हाथों पर संटी मारते हुए दूध पीने के लिए कहा, दूध पीने के कुछ देर बाद ही उल्टी, पेट दर्द और गले में दर्द होना लगा। कुछ बच्चों को खून की उल्टी भी हुई। इससे अफरा तफरी मच गई। एंबुलेंस से स्कूल के 139 बच्चों को खेरागढ सीएचसी लाया गया।
दूध के सैंपल को जांच के लिए लखनऊ भेजा गया, दूध में प्लास्टिक के मोती के बराबर के प्लास्टि के टुकडे मिले हैं, इसके चलते दूध पीने के बाद बच्चों को परेशानी हुई थी।
दूध में कहां से आए टुकडे
मिड डे मील के लिए गांव के दूधिया ब्रजेश से दूध लिया गया था। दूध को उबाला गया और उसमें चीनी मिलाई गई। दूध में मोती के बराबर के प्लास्टिक के टुकडे कहां से आ गए, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
चीनी में भी हो सकती है मिलावट
आशंका है कि दूध के साथ ही चीनी में भी मिलावट हो सकती है। चीनी में प्लास्टिक के टुकडों को पीस कर मिलाया गया है। ऐसे में कुछ टुकडे ठीस से पिस नहीं पाएं हो, इसके चलते भी प्लास्टिक के टुकडे दूध में हो सकते हैं।
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