एक न्यूजपेपर की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को सेप्टीसीमिया होने पर डेढ साल के बच्चे को एसएन के बाल रोग विभाग में भर्ती किया गया था। वह बेहोश था और पीआर्इ्सीयू में इलाज चल रहा था। पीआईसीयू में छह बेड हैं और 12 बच्चों का इलाज चल रहा था। इसलिए एक बेड पर दो बच्चे भर्ती थे, बुधवार रात को बेड पर दोनों बच्चों की मां भी सो गई। इसी बीच डेढ साल का बच्चा बेड से नीचे गिर गया, बेहोश होने की वजह से उसकी आवाज भी नहीं निकली। कुछ देर बाद जूनियर डॉक्टर आए तो दंग रह गए, उन्होंने बेड पर सो रही महिलाओं को जगाया और बच्चे के नीचे गिरे होने की जानकारी दी।
सोती रही मां
बच्चे की मां गहरी नींद में थी, डॉक्टर के जगाने के बाद भी वे सोती रही। अन्य मरीजों को देखने के बाद जूनियर डॉक्टर वहां आए तो बच्चा बेड के नीचे पडा हुआ था। उन्होंने बच्चे को इलाज दिया, लेकिन उसकी जान नहीं बचा सके।
तीन नवजात की हो चुकी है मौत
एसएन में बिजली न आने पर तीन नवजात की मौत हो चुकी है। इसके बाद यह दूसरी घटना है, हालांकि, इसमें डॉक्टरों की लापरवाही नहीं बताई जा रही है। मगर एसएन के डॉक्टरों के बीच कई घंटे तक बच्चे के बेड के नीचे पडे रहने की चर्चा हो रही है। प्राचार्य डॉ एसके गर्ग का कहना है कि एक बेड पर दो बच्चों के साथ उनकी मां के सोने से दुखद घटना हुई है।
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