बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस गौतम पटेल की बेंच के सामने बतौर गवाह पेश हुए डॉक्टर ने कहा कि शिवसेना के पूर्व प्रमुख ने जब वसीयत पर हस्ताक्षर किए थे, तब उनकी दिमागी हालत बिल्कुल ठीक थी।
जब डॉक्टर से यह पूछा गया कि पब्लिक मीटिंग के दौरान बाल ठाकरे के साथ वे क्यों रहते थे, तो उन्होंने जवाब दिया कि बाल ठाकरे ऐसा चाहते थे। लेकिन कोर्ट ने कहा कि वे अपना जवाब मेडिकल नजरिए से दें। इस पर डॉक्टर ने कहा कि वे बाल ठाकरे के साथ इसलिए रहते थे क्योंकि कभी भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन सकती थी।
ठाकरे के फैमिली डॉक्टर से जयदेव के वकील ने भी कई सवाल पूछे। जयदेव के वकील ने पूछा, ‘क्या यह सही है कि जब बाल ठाकरे ने वसीयत पर दस्तखत किए तो उनकी दिमागी हालत और याददाश्त ठीक नहीं थी?’ इस पर डॉक्टर ने कहा, ‘यह गलत है। मैं इससे असहमत हूं।’ जब डॉक्टर से यह पूछा गया कि उनके उद्धव से कैसे रिश्ते हैं तो डॉक्टर ने जवाब दिया, ‘मधुर और परिवार की तरह।’
डॉक्टर ने कोर्ट को यह भी बताया कि वे बाल ठाकरे की सेहत को लेकर पूरे ठाकरे परिवार से चर्चा करते थे। डॉक्टर के मुताबिक, ‘राज और जयदेव ठाकरे भी बाल ठाकरे की सेहत के बारे में पूछते रहते थे। लेकिन बाल ठाकरे की सेहत को लेकर हर रोज उनकी खुद बाल और उद्धव ठाकरे से बात होती थी।’ बाल ठाकरे का 17 नवंबर, 2012 को 86 साल की उम्र में निधन हो गया था।
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