आगरालीक्स….3 वर्ष के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग दयालबाग में सुबह नियमित करते हैं शारीरिक व्यायाम..बसंत पर आज बच्चे और महिलाएं ने ली सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

अनुशासन के लिए जाने जाते हैं सतसंगी
दयालबाग में राधास्वामी मत के सतसंगी अपने नियम और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं. यही कारण है कि यहां लोग सुबह सूर्योदय से पहले ही खेतों में शारीरिक श्रम के लिए तैयार रहते हैं. दयालबाग में बूढ़ों और जवानों को शारीरिक तौर पर चुस्त बनाने के लिये व्यायाम का कार्यक्रम सन् 1940 में शुरू किया गया. नियमित रूप से यह कार्यक्रम सुबह सत्संग के बाद होता था. कृषि अभियान जारी होने से पूर्व ढाई वर्ष तक यह चलता रहा एक तरह से शारीरिक व्यायाम ने पुरूषों और महिलाओं को खेतों में सख्त़ शारीरिक श्रम के लिये तैयार कर दिया.

1978 में दयालबाग में शुरू हुआ शारीरिक व्यायाम
शारीरिक व्यायाम का कार्यक्रम पुनः सन् 1978 में दयालबाग में शुरू किया गया. तब से इसमें 10 वर्ष के बच्चे से लेकर 80 वर्ष या उससे भी अधिक आयु के पुरुष और महिलायें अत्यन्त ही उत्साह से भाग लेते हैं. बसन्त के अवसर पर सत्संगी भाई—बहिन और बच्चे लाठी विशेष पीटी आदि का प्रदर्शन करके अपना आनन्द व उत्साह प्रकट करते हैं. परम पूज्य हुजूर डॉ. सत्संगी साहब लंबे समय तक स्वयं लोगों के साथ मिलकर व्यायाम करते हुए सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहे.


3 से 5 वर्ष के सुपरमैन नियमित ले रहे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
लगभग पिछले 1 वर्ष से दयालबाग में 3 वर्ष से 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे संत सुपरमैन टीम के अंतर्गत प्रतिदिन सुबह—शाम खेतों में सेल्फ डिफेंस और हेल्थ केयर पीटी कर रहे हैं, महिलाओं के लिए विशेष सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग और लाठी पीटी की भी व्यवस्था की गई है.

सुबह 3 बजे हुआ कार्यक्रम शुरू
आज बसंत के दिन स्पेशल पीटी का कार्यक्रम सुबह 3ः00 बजे आयोजित किया गया. परम पूज्य हुजूर और आदरणीय रानी साहिबा के पधारते ही कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया. उसके बाद नियमित रूप से भाग लेने वाले लगभग 400 पुरुषों और स्त्रियों ने सामूहिक शारीरिक व्यायाम प्रदर्शन किया. फिर महिलाओं और पुरुषों के समूह ने विशेष लाठी का रोमांचकारी प्रदर्शन किया. फिर महिलाओं के समूह ने एक शब्द पाठ की धुन पर लयबद्ध प्रदर्शन किया.अंत में सब पीटी प्रतिभागियों ने एक स्वर से प्रार्थना की.